अखिलेश यादव दुनिया के सबसे बड़े जातिवादी मुख्यमंत्री ! उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से बढ़कर दुनिया मे दूसरा कोई जातिवादी शासक नही है।या फिर हम ये भी कह सकते है कि अखिलेश यादव जातिवाद मे आलराउन्डर हैं..हरफनमौला हैं। जातिवाद की परिभाषा के अनुसार किसी एक जाति को बढ़ावा देने को जातिवाद कहते है। तो जाहिर सी बात है कि जो जितनी जातियो-धर्मो के लोगो को बढ़ावा दे, तो वो उतना बड़ा जातिवादी। अखिलेश यादव की सरकार की ऐतिहासिक विकास योजनाओं का लाभ प्रत्येक धर्म-जाति के लोगो को मिलता है। तो इसका मतलब ये निकाला जा सकता है कि सब के सब धर्मो-जातियो के लोगो के बढ़ावे और लाभ पँहुचाने मे मुख्यमंत्री अखिलाश यादव अव्वल नंबर हैं। वो सबसे बड़े जातिवादी मुख्यमंत्री इसलिए भी हुए क्योंकि उन्होने सर्व समाज के लिये काम किया है। और सम्पूर्ण समाज के लिये जब कोई सरकार काम करती है तो प्रत्येक जाति और हर धर्म-समुदाय के लोग लाभान्वित होते हैं। हर कोई ऐसी सरकार के विकास कार्यो से प्रभावित होता है। यही कारण है कि सपा सरकार और उसके मुखिया अखिलेश यादव व उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण समाज के बीच विश्वास का अटूट रिश्ता कायम हो गया है। दरअसल जब कोई शासक या राजनेता बिना धर्म-जाति के चश्मे के सर्व समाज के हितो के लिये विकास कार्य करता है तो इसका लाभ समाज के हर तबके को मिलता है। हिन्दू. .मुसलमान..सिक्ख..ईसाई, अगड़ो-पिछड़ो. .दलितो..ब्राह्मणों. . क्षत्रिय…कायस्थ..वैश्य..शिया..सुन्नी..ग्रामीण. .शहरी.. अमीर-गरीब ..महिला.. .पुरुष… .बच्चे.. बुजुर्ग. .जवान .. मिलकर सर्व समाज के लिये किये गये कामो का लाभ उठाते है। यही कारण है कि प्रत्येक धर्म-जाति और हर वर्ग के नागरिकों मे अखिलेश यादव के प्रति जबरदस्त दीवानगी है। देश के ईस सबसे लोकप्रिय युवा नेता को ” सर्वश्रेष्ठ अखिलेश-कुलश्रेष्ठ अखिलेश” कहा जा रहा है। अखिलेश यादव की कार्यशैली के बाद अब यूपी के अन्य दलों की तरह सपा अब किसी विशेष धर्म या जाति की नही बल्कि सभी धर्मो और प्रत्येक जाति के लोगो की पहली पसंद बन गयी है। विकास की बहती गंगा मे हर कोई हाथ धो रहा है। अखिलेश यादव जैसे शासक के शासनकाल मे जातिवादी राजनीति करने वाला नेता/नेत्री/राजनीति दल बौने साबित होने लगे है। और सर्व समाज के हितों का ख्याल रखने वाले यूपी के युवा मुख्यमंत्री हर धर्म-जाति का विश्वास बनकर सभी के दिलो पर बादशाहत कर रहे है। यानी किसी एक धर्म-जाति को प्रभावित करने वाला अगर सेर तो सबको साथ मे लेकर चलने वाला सवा सेर साबित होता है। मुख्यमंत्री अखिलेश की मैट्रो का फायदा एक धर्म या एक जाति के लोगो को नही बल्कि तमाम धर्मो और तमाम जातियों के लोगो को मिलेगा। कन्या विद्या धन से समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। 1090 किसी एक धर्म-जाति की लड़कियो/महिलाओं की हिफाजत के लिये नही, सबके लिये है। एम्बुलेन्स सेवाये भी धर्म-जाति पर आधारित नही हैं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर किस एक जाति या धर्म विशेष के लोगों की ही गाड़ियाँ नहीं दौड़ेगी। सपा सरकार मे छात्रवृत्ति देने से पहले ये तय नही होता कि छात्र-छात्राएँ किस मजहब या किस जाति के हैं। अखिलेश सरकार की समग्र लोहिया ग्राम योजना मे हर तबके का ग्रामीण लाभान्वित होता है। उत्तर प्रदेश के सात जिलो मे मेडिकल कालेजो और रायबरेली मे एम्स में मरीजो की जान बचाने से पहले ये नही पूछा जायेगा कि तुम किस जाति के हो ? लखनऊ-बलिया एक्सप्रेस-वे पर भी समाज के प्रत्येक वर्ग की गाड़ियाँ दौड़ेगी। समाजवादी पेँशन देने से पहले भी इस बात पर विचार नही किया गया कि लाभार्थी किसी एक धर्म विशेष या किसी एक जाति विशेष के ही हो। अखिलेश सरकार ने यादव और मुसलमानो के नही बल्कि उन किसानो के कर्जे माफ किये जो गरीब थे और कर्ज चुकाने मे असमर्थ थे। इसी बातो के मद्देनजर आप मजाहिया (हास्यात्मक) लहजे मे ये भी कह सकते है कि एक धर्म या जाति की भलाई तक सीमित नेता/नेत्री/राजनीतिक दल अगर जातिवादी कहलाता है तो सभी धर्म-जातियों की जरूरते पूरी करने वाले युवा अखिलेश यादव दुनिया के सबसे बड़े जातिवादी कुशल मुख्यमंत्री कहलाये जा सकते हैं !
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मेरे पास विकास जायसवाल नाम का 20-22 साल का एक युवक आया। बड़े आत्मविश्वास से बोला- मैं पत्रकार बनना चाहता हूँ। मैंने उससे पूछा-किन विषयों पर ज्यादा लिखने-पढ़ने का शौक है ? बोला-राजनीतिक विषय पर। मैंने कहा कुछ लिख कर दिखाओ। विकास ने उक्त लेख लिखा। जिसका शीर्षक है – “अखिलेश यादव दुनिया के सबसे बड़े जातिवादी मुख्यमंत्री ” मैं तो इस नये लेखक को पढ़ कर चकरा सा गया। आपका क्या ख्याल है, विकास को पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र मे आना चाहिए या नहीं ?
– नवेद शिकोह 08090180256 Navedshikoh84@gmail.com