लखनऊ, समाजवादी पार्टी में चल रही परिवारिक कलह लगातार बढ़ती जा रही है। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले एमएलसी उदयवीर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा गया है। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 6 सालों के लिए पार्टी उन्हें बाहर कर दिया है। उदयवीर ने मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखकर पार्टी में संरक्षक बनने और अखिलेश को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही थी।
कार्यकारिणी की बैठक में भी इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया कि मुलायम के खिलाफ बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।उदयवीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के बाद समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि विवादित चिट्ठी लिखने वालों पर इसी तरह की सख्त कार्रवाई होगी।
राज्य कार्यकारिणी की बैठक से पहले ही यह आशंका जताई जा रही थी कि विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह के खिलाफ कोई सख्त एक्शन होगा। पार्टी के विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का घोर समर्थक माना जाता है। उदयवीर सिंह ने पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए पत्र लिखा था। इस बीच, सपा से निकाले जाने के बाद एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि अगर एक फादर या पिता संरक्षक है तो इसमें क्या गलत है। मुलायम सिंह के संरक्षण में ही पार्टी चल रही है। पिता संरक्षक ही होता है। अगर किसी को सेनापति बना दिया गया है तो उसको सभी हक मिलने चाहिए। बड़े और छोटे नेता की बात नहीं है। समाजवादी पार्टी में अपनी बात रखने का सबको हक है। उन्होंने कहा कि नेताजी जो फैसला करेंगे वो मैं मानूंगा. मैंने जो भी लिखा उस पर कायम हूं।
अखिलेश जी के साथ जो हुआ वह गलत है। ऐसा पहले भी हुआ है कि पार्टी में लोगों को निकाला गया है लेकिन बाद में गलती का एहसास हुआ तो वापस भी लिया गया। लेटर लिखने का कोई अफसोस नहीं है। पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं। इधर, राज्य कार्यकारिणी बैठक में लगभग सभी पदाधिकारियों की सहमति से उदयवीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया गया था। पार्टी की बैठक में आर्थिक और राजनैतिक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुए। बैठक में नेताजी पर टिप्पणी का मुद्दा छाया रहा। राज्य कार्यकारिणी की बैठक खत्म होने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब सभी लोग पार्टी की रजत जयंती के कार्यक्रम पांच नवंबर की तैयारियों में जुट जाएं। लोग बेकार की बाते कर रहे हैं, पार्टी में कोई बिखराव या कोई विवाद नहीं है। उदयवीर के पत्र के दूसरे दिन ही सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के करीबी एमएलसी आशू मलिक ने एमएलसी उदयवीर सिंह की चिट्ठी का जवाब दिया था।