लखनऊ, उत्तर प्रदेश को अगले पांच साल में एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को दाेहराते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हाल ही में संपन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) के परिपेक्ष्य में अगले छह महीने में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा।
विधानसभा मे बजट पर चर्चा पर सदन को संबोधित करते हुये श्री योगी ने बुधवार को भ्रष्टाचार और जातिवाद को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर प्रहार किये वहीं दूसरी ओर एक ट्रिलियन डालर की इकोनाॅमी बनने की दिशा में सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमो की जानकारी दी।
उन्होने कहा कि पिछले महीने लखनऊ में हुयी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 33.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव सरकार की नीतियों के प्रति जनविश्वास और क्रेडिबिलिटी के प्रतीक हैं। नेता प्रतिपक्ष श्री अखिलेश यादव ने भी स्वीकार किया है कि प्रदेश में निवेश बढा है। इतने बड़े प्रदेश के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हम सब 25 करोड़ जनता के प्रतिनिधि के रूप में यहां बैठे हैं। नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि आप दावोस गए होते तो 50 लाख करोड़ का प्रस्ताव आता। यानी उन्हें विश्वास है कि प्रस्ताव आए हैं।
श्री योगी ने कहा कि जनता 2013 के वाकये को नहीं भूली होगी, जब कुंभ पर प्रजेंटेशन के लिए हावर्ड गए थे और चचाजान को तलाशी से गुजरना पड़ा। प्रदेश को हमने कहां पहुंचा दिया था। किसी एक फील्ड में यूपी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया होता तो परिणाम अलग होते।
सदन मेे नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की गैरमौजूदगी पर चुटकी लेते हुये उन्होने कहा “ 2017 से पहले यूपी क्यों पीछे जा रहा था। सभी जानते हैं। समस्या के दो समाधान होते हैं। या तो समस्यायों में भाग लो या फिर समस्यायों से भाग लो। यानि या तो समस्याओं को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए उसका समाधान करो जैसा पिछले छह सालों में हमारी सरकार कर रही है, या जैसे नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली है ‘भाग लो’ उस तरह।
उन्होने कहा कि 2022 के चुनावों में पार्टी ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में जिन 130 संकल्प का वादा किया था, उनमें से 110 संकल्पों के लिए बजट की व्यवस्था की गई है। 64,700 करोड़ की राशि की इसके लिए व्यवस्था की गई है। गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं के लिए इस धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले सपा घोषणापत्र जारी करती थी मगर पूरा नहीं करती थी। अगस्त 2016 में रियो दि जेनेरियो ओलंपिक के खिलाड़ियों, बैडमिंटन से पीवी सिंधु, कुश्ती में साक्षी मलिक और जिम्नास्टिक में दीपा कर्माकर को एक-एक करोड़ देने की घोषणा की थी। छह महीने में कुछ नहीं किया, फिर जनता ने कुछ करने लायक ही नहीं छोड़ा। जब हमें जानकारी मिली तब 26 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार की ओर से हमने राशि प्रदान की।
उन्होने कहा कि पिछली सरकार में कर चोरी होती थी। माफिया प्रदेश के विकास को बाधित करते थे। ये पैसा किसके पास जा रहा था। ऐसे ही कोई इंग्लैंड में होटल और ऑस्ट्रेलिया में टापू थोड़े न खरीदा जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी (यीडा) 2016 तक 642 करोड़ लॉस और उसके बाद रिकॉर्ड प्रॉफिट तक गया। पहले राजस्व 86 हजार करोड़ का आता था जबकि इस बार 31 मार्च तक कुल राजस्व दो लाख 30 हजार करोड़ का लाने जा रहे हैं। पिछले छह वर्ष के अंदर यूपी के बजट का आकार दुगुने से अधिक बढ़ा है। ये यूपी की अर्थव्यवस्था के विस्तार को प्रस्तुत करता है। यूपी की ये यात्रा जनविश्वास पर आधारित है। यहां हर एक तबके की जवाबदेही है, कोई इससे भाग नहीं सकता। सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कर संग्रह में करीब तीन गुने का इजाफा हुआ। बढ़ता राजस्व आज लोक कल्याण का आधार बन रहा है। बुनियादी ढांचे के विकास का आधार बन रहा है। देश की बडी अर्थव्यवस्था बनने में सहायक सिद्ध हो रहा है। ग्रांउड ब्रेकिंग होने के बाद यूपी देश की दूसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था होगी।
उन्होने कहा कि इसके लिये हमारी सरकार ने जनता पर कोई नया कर नही थोपा बल्कि पेट्रोल डीजल के दाम अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। 26 हजार से अधिक व्यापारियों ने जीएसटी में अपना पंजीकरण किया है और हर एक को हमने दस लाख रूपये का बीमा कवर दिया है। कोरोना काल में फ्री टेस्ट,फ्री उपचार , गरीबों को फ्री राशन, भरण पोषण भत्ता देने के अलावा दूसरे राज्यों से आये 83 हजार से अधिक प्रवासियों की स्किल मैपिंग हमने करायी। वित्तीय संस्थाओं के सामने गिडगिडाने की जरूरत नहीं पडी। यह वित्तीय प्रबंधन का बेहतर नमूना है। राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिये सरकार की सराहना करनी चाहिये ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने कोरोना काल के दौरान मुफ्त वैक्सीन, मुफ्त टेस्ट अथवा मुफ्त राशन देने में किसी की जाति नहीं देखी। योजनाओं का लाभ सबको एक समान रूप से दिया गया।
प्रयागराज की घटना के एक आरोपी के साथ सपा अध्यक्ष की वायरल फोटो का जिक्र करते हुये श्री योगी ने कहा कि साजिशकर्ता के साथ एक फोटो वायरल हो रही थी। उससे हाथ मिला रहे थे। पीछे पार्टी का फोटो लगा है। फिर भी मुंह छिपाने का प्रयास कर रहे है। उन्होने कहा कि पेशेवर माफिया के संरक्षण कौन थे। जब हम विकास,महिला कल्याण और एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था की बात करते है तो आप सिर्फ जाति की बात करते हैं। आपने प्रदेश को जहां छोड़ा था, उससे कई कदम आगे बढ चुके हैं। एक ट्रिलियन डालर की इकोनामी यूपी बनेगी। इसमें संदेह नही होना चाहिये।
श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति जनजाति के 21 लाख से अधिक बच्चों की छात्रवृत्ति तत्कालीन सरकार ने रोक दी थी। मार्च 2017 में सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने पिछली और अब की छात्रवृत्ति देने का काम किया। सपा के लोग दलित,वंचित कमजोर पिछडे के हक पर डकैती डालने का काम करते थे और विपक्ष में बैठ कर अब जाति जाति की बात करते है। कोई मुद्दा न मिले तो समाज का ध्यान विकास,निवेश के मुद्दे से हटाने का प्रयास हो रहा है।
उन्होने कहा कि 2016-17 के बजट में राज्य से होने वाली आय के श्रोत का सिर्फ 35 फीसदी योगदान था जबकि 2022-23 में इसका योगदान 44 फीसदी है। 2016-17 में ऋणों से वित्त पोषण 20 फीसदी था जबकि 2022-23 में 16 प्रतिशत हो गया है। यह आत्मनिर्भर यूपी की ओर बढते कदम है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना ने राज्य की लघु,मध्यम और सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमई) को नया जीवन दिया है। यूपी आज निर्यात का हब बन चुका है। पिछली सरकार ने राज्य को वन डिस्ट्रिक वन माफिया बना दिया था। प्रदेश के हर जिले में खनन माफिया,भू माफिया,वन माफिया आदि का कब्जा था। प्रदेश का हर निवासी इस बात को जानता है। ओडीओपी ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक पहचान दी है। विश्व के बाजारों में ओडीओपी उत्पाद छाये हुये है मगर नेता प्रतिपक्ष इस पर गर्व करने की बजाय ओडीओपी की तौहीन कर रहे है जो कर्मठ शिल्पकारों का अपमान है। हमारी सरकार कारीगरों के हुनर को आगे बढाने का काम करती है। श्रम शक्ति का सम्मान किया जाता है।
उन्होने कहा कि प्राकृतिक संसाधनो से भरपूर होने के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान महज आठ फीसदी है जिसे 16 से 17 फीसदी करना है। देश की सबसे अच्छी उर्वरा भूमि यूपी के पास है। सबसे बडा श्रम बाजार और युवा देश भर में उत्तर प्रदेश के पास है। 96 लाख एमएसएमई उत्तर प्रदेश की ताकत हैं। हमारी सरकार ने कनेक्टिविटी बेहतर करने की दिशा में काम किया है। रोड,रेल,एयर कनेक्टिविटी के अलावा वाटर वेज बेहतर हुआ है।तकनीक के मामले में प्रदेश प्रगति कर रहा है। प्रदेश में सभी ग्राम सचिवालय और विद्यालय ब्राड बैंड कनेक्टिविटी से आच्छादित है। हमारे पास स्केल भी है और स्किल भी है और अब छह वर्ष में स्पीड भी बढी है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश की कृषि योग्य भूमि में 11 से 12 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश के पास है मगर उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी 19 फीसदी करता है। बेहतर उर्वरा भूमि, प्रचुर मात्रा में जल संसाधान और तकनीक के बेहतर इस्तेमाल से कृषि उत्पादन को तीन गुना और बढाया जा सकता है जिसको करने का प्रयास सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि 1946 में संविधान निर्माता बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इति को लेकर नहीं अथ को लेकर चिंता होनी चाहिए। अर्थात लक्ष्य साफ है उसे पाने के लिए शुरुआत कैसे करें। शुरुआत अच्छी होगी तो परिणाम भी अच्छा आएगा। बाबा साहेब को लेकर हिन्दुस्तान अपार श्रद्धा का भाव रखता है। हमने भी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से देश की आबादी के सबसे बड़े राज्य की क्या भूमिका हो सकती है, इस पर मंथन किया। यूपी कैसे अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। पांच ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी का देश अगर भारत को बनना है तो क्या यूपी को अपना योगदान नहीं देना चाहिए। देश का हर 16वां व्यक्ति यूपी का है। लेकिन क्या उतना योगदान है हमारा, भारत के जीड़ीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी है, इसे बढ़ाकर 16 फीसदी तक ले जाना है। यूपी में ये संभावना है।
प्रधानमंत्री के 5टी मंत्र यानी टैलेंट, ट्रेडिशन ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी इसको प्रदेश के अंदर विस्तार दिया जा रहा है। हर एक फील्ड में। अब यूपी में केवल एक्सप्रेस हाईवे ही नहीं आई-वे (इंटरनेट) भी है। बॉडबैंड ऑप्टीकल फाइवर नेटवर्क पर फोकस किया जा रहा है। 58 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों का निर्माण करके इससे आच्छादित करने का कार्य किया जा रहा है। यूपी की इन क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए हमने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को लेकर अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। हमने इसके लिए 10 सेक्टर चिह्नित किए हैं, जिस पर लगातार कार्य चल रहा है। मैं चाहता था कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर चर्चा हो। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स पर जब चर्चा हुई थी तब सपा वाकआउट कर गयी थी, गरीबी उन्मूलन, सबसे शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों का उत्थान, मातृ शक्ति का सशक्तिकरण पर 36 घंटे तक चर्चा हुई। शिवपाल जी को छोड़कर सपा गायब थी। उनकी रुचि डेवलपमेंट पर नहीं है। यही कारण है कि जनता ने सपा का सफाया कर दिया।