लखनऊ, समाजवादी परिवार में मची अभूतपूर्व रार के बीच इस खानदान का अहम हिस्सा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने पर उन्हें खराब महसूस हुआ था, और इसका नतीजा भी सबके सामने आया। मैं नेताजी से मिलकर यहां आया हूं। सपा एक परिवार है और पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार में हुए झगड़े के पीछे उनका हाथ नहीं है और इस बारे में आ रही खबरें बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा, यह कुर्सी की लड़ाई है। अगर कोई अच्छा आदमी मुझसे मुख्यमंत्री पद मांगे तो मैं उसे देने को तैयार हूं। अखिलेश ने स्पष्ट किया कि वह चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का अधिकार उन्हें दिया जाए। उन्होंने कहा मैं तो कहता हूं कि मैं चाचा को सारे विभाग वापस दे दूंगा, लेकिन टिकट वितरण का अधिकार अपने पास रखूंगा, क्योंकि चुनाव में परीक्षा तो मेरी ही होनी है।
सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद अपने चाचा वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव के प्रति तल्ख रवैया अपनाकर पिछले दिनों उनके महत्वपूर्ण विभाग छीनने वाले अखिलेश ने कहा, यह चुनाव का समय है और हमें एक साथ आकर काम करना चाहिये। नेताजी मेरे पिता और उनके (शिवपाल) भाई हैं। वह इस मसले का हल निकाल लेंगे।वरिष्ठ आईएएस अफसर दीपक सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटाये जाने के औचित्य के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा चाचा (शिवपाल) भी जानते हैं, कि हमने उन्हें (सिंघल) क्यों हटाया। उन्हें लोगों को इस बारे में बताना चाहिये। उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा जो व्यक्ति शीर्ष पर होता है, वह बिल्कुल अकेला होता है।
कौमी एकता दल के सपा में विलय के सवाल पर अखिलेश ने कहा, हमने तो सपा में कौमी एकता दल का विलय कर दिया होता, लेकिन तब मीडिया हम पर आरोप लगाता। प्रदेश में किसान यात्रा निकाल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सपा की साइकिल पंक्चर होने सम्बन्धी बयानों पर मुख्यमंत्री ने कहा, राहुल किसानों को बेवकूफ बना रहे हैं। वह भी जानते हैं कि अब ट्यूबलेस टायर वाली साइकिल आती है। हमने जो भी चुनावी वादे किये थे, वे सब पूरे हुए हैं। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, भाजपा ने थानों पर प्रदर्शन किया। उसके नेता राज्यपाल से भी मिले लेकिन मुझे नहीं बताया। अगर मुझ तक शिकायत पहुंचती तो मैं तुरन्त कार्रवाई करता।