अजमेर, राजस्थान में अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज सज्जादानशीन एवं आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि बीफ को लेकर देश में दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को देशभर में गोवंश की सभी प्रजातियों के वध करने एवं इनका मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए तथा मुस्लमानों को भी इनके वध से खुद को दूर रहकर इसके मांस के सेवन को त्यागने की पहल करनी चाहिए।
दरगाह दीवान आबेदीन ने अजमेर शरीफ से एक बयान जारी किया। उन्होंने यह बयान ऐसे समय जारी किया जब अजमेर में ख्वाजा साहब का 805वां सालाना उर्स चल रहा है और इसमें लाखों मुस्लिम अकीदतमंदों के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी शिरकत कर रहे है। देश दुनिया से आए मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के बीच यह बयान महत्वपूर्ण है। सैयद जैनुल ने कहा कि उनके पूर्वज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ने इस देश की संस्कृति को इस्लाम के नियमों के साथ अपना कर मुल्क में अमन शान्ति और मानव सेवा के लिये जीवन समर्पित किया था। उसी तहजीब को बचाने के लिए गरीब नवाज के 805वें उर्स के मौके पर मैं और मेरा परिवार बीफ के सेवन को त्यागने की घोषणा करता हूं और हिन्दोस्तान के मुसलमानों से यह अपील करता हूं कि देश में सदभावना के पुनःस्थापन के लिए वह भी इस त्याग को अपना कर मिसाल पेश करें।
सैयद जैनुल ने अपने बयान में कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु का भी यह मत है कि एक समय में तीन तलाक के उच्चारण को शरीयत ने नापसंद किया है। मुसलमान इस प्रक्रिया में शरीयत की नाफरमानी से बचें। सालाना उर्स के समापन की पूर्व संध्या पर खानकाह शरीफ में परंपरागत रूप से आयोजित होने वाली महफिल के बाद वार्षिक सभा में देश की विभिन्न दरगाहों के सज्जादगान, सूफियों, एवं धर्म प्रमुखों, को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गोवंश की प्रजातियों के मांस को लेकर मुल्क में सैंकड़ों साल से जिस गंगा जमुनी तहजीब से हिन्दु और मुस्लमानों के मध्य मोहब्बत और भाईचारे का माहौल स्थापित था उसे ठेस पंहुची है। सैयद जैनुल ने कहा कि गाय सिर्फ एक जानवर नहीं है बल्कि हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। गाय और उसके वंश को बचाना चाहिए। साथ ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। सैयद जैनुल ने कहा- जिन राज्यों में कानूनन गौहत्या की जाती है वह सरासर गलत है। ऐसा बंद होना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने गोहत्या पर उम्रकैद वाले गुजरात सरकार के फैसले की भी तारीफ की।