नई दिल्ली, मिंटो रोड स्थित सरकारी प्रेस को 338 करोड़ रूपए के खर्च से अत्याधुनिक बनाया जाएगा। यह एक ऐसी पहल है, जो इस प्रेस की मौजूदा मुद्रण क्षमता को 16 लाख पन्ने प्रतिदिन से बढ़ाकर 45 लाख पन्ने प्रतिदिन कर देगी। यह प्रेस संसद, विभिन्न मंत्रालयों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों आदि की मुद्रण संबंधी जरूरतों को पूरा करती है। इस प्रेस में मौजूद कुछ मशीनों को वर्ष 1968 में लगाया गया था और इन मशीनों के पुर्जे न मिलना इस समय प्रेस के निर्बाध संचालन में बाधा पैदा कर रहा है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रेस की मौजूदा इमारत का पुनर्विकास 238.56 करोड़ रूपए से होगा। इमारत में तीन ब्लॉक होंगे, जिनमें भूतल और छह मंजिलें होंगी, जहां 100 करोड़ रूपए की लागत से लगाए जाने वाले आधुनिक उपकरणों को आसानी से लगाया जा सकता है। इसमें कहा गया कि शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने स्थायी वित्तीय समिति की इस संबंध में की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इस पहले के जरिए प्रिंटिंग प्रेस की मौजूदा मुद्रण क्षमता 16 लाख पन्ने प्रतिदिन (60 करोड़ पन्ने प्रति वर्ष) से बढ़कर 45 लाख पन्ने प्रतिदिन (164.96 करोड़ पन्ने प्रतिवर्ष) हो जाएगी। इस तरह इसकी क्षमता में 177 प्रतिशत का इजाफा होगा। फिलहाल रंगीन मुद्रण उपलब्ध नहीं है लेकिन उसे उपलब्ध करवाया जाएगा। पुनर्विकास और आधुनिकीकरण का सारा काम 52 माह में पूरा हो जाएगा।