लखनऊ ,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष राज किशोर यादव समेत 7 लोगों पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है। मानकों की अनदेखी कर लेखपालों की भर्ती का आरोप लगाया है।
इसकी शासन स्तर पर जांच रिपोर्ट के बाद हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। 2015- 16 में चकबंदी लेखपालों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला समाने आया है, यह मामला अखिलेश यादव सरकार का है। सपा सरकार के दौरान चकबंदी लेखपालों की भर्ती में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी। उच्च स्तरीय जांच में विभागीय अफसरों के साथ ही उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भी भर्तियों में गंभीर अनियमितताओं के लिए दोषी पाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष-सचिव के साथ ही संबंधित अफसरों के खिलाफ षड्यंत्र रचकर आपराधिक कृत्य करने के लिए रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैैं। वर्तमान में कार्यरत सभी अफसरों को निलंबित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। जांच के दौरान भर्तियों में भ्रष्टाचार सामने आने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी केस दर्ज होगा।