नई दिल्ली, झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोप में न्यायालय की अवमानना नोटिस का सामना कर रहे भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने आज शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी। न्यायालय में मौजूद ठाकुर ने कहा कि उनकी मंशा कभी भी कोई झूठी जानकारी शीर्ष अदालत को देने की नहीं थी और उन्होंने एक हलफनामा दाखिल किया जिसमें उन परिस्थितियों का जिक्र किया जिनके तहत उनके कथन के कारण अवमानना कार्यवाही शुरू की गयी।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ठाकुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया ने कहा, मैंने (अनुराग) बिना शर्त माफी मांगी है और मैंने परिस्थितियों को बयां किया है। मेरा इरादा कोई भी गलत जानकारी दाखिल करने का नहीं था। पीठ ने इस हलफनामे के अवलोकन के बाद मामले की सुनवाई 17 अप्रैल के लिये स्थगित कर दी और अनुराग ठाकुर को भी उस दिन व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। शीर्ष अदालत ने दो जनवरी को बीसीसीआई के अडियल रवैये पर कडा रूख अपनाते हुये अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को प्रशासन में व्यापक बदलाव के उसके निर्देशों का पालन करने में व्यवधान पैदा करने तथा लटकाने के कारण अध्यक्ष तथा सचिव पद से हटा दिया था। पीठ ने स्वायत्ता के मुद्दे पर आईसीसी को पत्र लिखने के बारे में झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण ठाकुर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही का नोटिस जारी कर दिया था।