
प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो पर अपने मासिक प्रसारण ‘मन की बात’ की 120वीं कड़ी के सम्बोधन में रविवार को कहा कि मानवता भारत की ओर से यह एक ऐसा अनमोल उपहार है, जो भविष्य की पीढ़ी के बहुत काम आने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2025 के योग दिवस की थीम रखी गई है, ‘ योगा फॉर वन अर्थ वन हेल्थ’ यानि हम योग के जरिए पूरे विश्व को स्वस्थ बनाने की कामना करते हैं।
उन्होंने कहा,“मेरे प्यारे देशवासियो, आज फिटनेस के साथ-साथ गिनती की बड़ी भूमिका हो गई। एक दिन में कितने कदम चले इसकी गिनती, एक दिन में कितनी कैलोरीज खायी और कितनी कैलोरीज इस्तेमाल हुई इनका हिसाब, इतने सारे हिसाब के बीच, एक और उल्टी गिनती शुरू होने वाला है। विश्व योग दिवस की उल्टी गिनती। योग दिवस में अब 100 दिन से भी कम समय रह गया है। अगर आपने अपने जीवन में अब तक योग को शामिल नहीं किया है तो अब जरूर कर लीजिए अभी देर नहीं हुई है।”
उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व करने वाली बात है कि आज हमारे योग और परंपरागत दवाओं को लेकर पूरी दुनिया में जिज्ञासा बढ़ रही है। बड़ी संख्या में युवा योग और आयुर्वेद को स्वस्थ होने के एक बेहतरीन माध्यम मानकर इसे अपना रहे हैं। अब जैसे दक्षिण अफ्रीका का देश चीली है। वहां आयुर्वेद तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। पिछले साल मैं ब्राज़ील की यात्रा के दौरान चीली के राष्ट्रपति से मिला था। आयुर्वेद की इस प्रसिद्धि को लेकर हमारे बीच काफी चर्चा हुई थी। मुझे ‘सोमोस इंडिया’ नाम की टीम के बारे में पता चला है। (स्पेनिश में इसका अर्थ है – हम भारत हैं. यह टीम करीब एक दशक से योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने में जुटी है।) उनका ध्यान उपचार के साथ-साथ शैक्षिक कार्यक्रमों पर भी है। वे आयुर्वेद और योग से संबंधित जानकारियों को स्पेनिश भाषा में अनुवाद भी करवा रहे हैं। सिर्फ पिछले वर्ष की बात करें तो उनके अलग-अलग कार्यक्रम और पाठ्यक्रम में करीब नौ हजार लोगों ने हिस्सा लिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,“मैं इस टीम से जुड़े सभी लोगों को उनके इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।”