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अपनी स्वतंत्रता खो चुका है चुनाव आयोग, नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा हो- कांग्रेस

नयी दिल्ली, कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि आयोग की स्वायत्तता और विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है इसलिए इस संवैधानिक संस्था की नियुक्ति प्रक्रिया पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग की आवाज को दबा दिया है और आयोग में बैठे लोग अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने में विफल हो रहे हैं। आयोग ने आदर्श चुनाव आचार संहिता को मोदी प्रचार संहिता बना दिया है और विपक्ष के साथ भेदभाव किया जा रहा है इसलिए आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में निर्धारित समय से 24 घंटे पहले चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगाने के आयोग के फैसले को उन्होंने गलत बताया और कहा कि आयोग का यह निर्णय देश के प्रजातंत्र के लिए काला धब्बा है। इस आदेश से संविधान के अनुच्छेद 324 तथा अनुच्छेद 14 और 21 की महत्ता धूमिल हुई है। आयोग का यह निर्णय प्रधानमंत्री के लिए एक उपहार जैसा है क्योंकि चुनाव प्रचार बंद होने से ठीक पहले श्री माेदी की पश्चिम बंगाल के मथुरापुर और दमदम में चुनावी रैलियां पूर्व निर्धारित थीं।

सुरजेवाला ने कहा कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष के रोड शो में गुंडागर्दी हुई और हिंसा का नंगा नाच हुआ। श्री शाह के नेतृत्व में हुई इस रैली के दौरान महान विभूति ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति को क्षति पहुंचाई गई और जमकर हिंसा हुई है। आयोग से इसकी शिकायत भी की गयी है लेकिन आयोग ने शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय श्री मोदी को चुनावी रैली करने का पर्याप्त समय दिया है।