संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत गुलाम एम. इसाकजई ने कहा है कि तालिबान अफगानिस्तान में अकेले काम नहीं कर रहा है, बल्कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल कायदा सहित 20 विदेशी संगठनों के आतंकवादी उसका साथ दे रहे हैं।
श्री इसाकजई ने सुरक्षा परिषद को बताया कि 20 विदेशी संगठनों के 10,000 से अधिक आतंकवादी इस समय देश में हैं, जो तालिबानी आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं।
उन्हाेंने कहा, “इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पूर्वी तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान ने तालिबान के साथ फरयाब, जोवज्जान, ताखर और बदख्शां प्रांतों में लड़ाई लड़ी, जहां वे वर्तमान में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अपने परिवारों के साथ मौजूद हैं।”
उन्होंने एक बयान जारी कर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की तरफ से कहा, “तालिबान और इन अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के बीच संबंध हाल के दिनों की तुलना में फिलहाल सबसे अधिक मजबूत हैं।”
अफगानिस्तान से मिली रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तालिबान ने शुक्रवार को निमरूज प्रांत के कनक जिले पर कब्जा कर लिया और कम से कम 30 सैनिकों को बेरहमी से मार डाला। निमरूज के एक वीडियो में दिखाया गया है कि कई शव जमीन पर पड़े हैं, जिन्हें कथित तौर पर सरकारी बलों के जवानों का बताया जा रहा है। तालिबान ने कथित तौर पर सैनिकों को प्रताड़ित किया, उन्हें अंग भंग किये और उन्हें मारने से पहले उनकी आंखें निकाल लीं।
निमरूज के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख लाल गुल लाल ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर इसे युद्ध अपराध माना जाता है, साथ ही यह इस्लामी सिद्धांतों के भी खिलाफ है।”
गौरतलब है कि निमरूज में पांच जिले हैं जिनमें से तीन पूरी तरह तालिबान के कब्जे में हैं।