वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका और रूस के संबंध शायद इस समय अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं लेकिन उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि यदि दोनों देश एक साथ आ जाएं तो बहुत अच्छा रहेगा। नाटो के सचिव जनरल जेन्स स्टोल्टनबर्ग के साथ व्हाइट हाउस में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, जैसा कि हम कुछ समय पहले चर्चा कर रहे थे, यदि नाटो और हमारा देश रूस के साथ तालमेल बना सके। इस समय हमारा रूस के साथ बिल्कुल तालमेल नहीं है।
रूस के साथ हमारा संबंध संभवतः अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। ट्रंप ने कहा, ऐसा लंबे समय से होता आया है। लेकिन हम देखेंगे कि क्या हो सकता है। पुतिन रूस के नेता हैं और रूस एक मजबूत देश है। हम एक बेहद मजबूत देश हैं। देखते हैं कि यह कैसे संभव हो पाता है। विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने हाल ही में अपनी पहली रूस यात्रा पूरी की है। इस दौरान वह अपने रूसी समकक्ष और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले थे।
ट्रंप ने कहा, मैं कुछ ही समय में रेक्सस टिलरसन से बात करूंगा। मुझे लगता है रूस में उनकी बैठक बेहद सफल रही है। हम अंतिम नतीजे पर गौर करेंगे और यह नतीजा संभवतः लंबे समय बाद आएगा। लेकिन सबसे अहम तो अंतिम नतीजा ही है, सिर्फ बातें नहीं। मैं जो कुछ सुन रहा हूं, उससे मुझे लगता है कि सबकुछ अच्छा रहा है, जितना सोचा था, उससे कहीं अच्छा। ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय देशों को रूस से डरने की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने कहा, मैं इसी उम्मीद के साथ बात शुरू करना चाहता हूं कि संभवतः उन्हें किसी भी चीज से डरने की जरूरत नहीं होगी। इस समय, एक तरह का डर व्याप्त है। निश्चित तौर पर समस्याएं भी हैं। लेकिन मैं उम्मीद जताता हूं कि अंततः कोई डर या समस्याएं नहीं होंगी और दुनिया एकसाथ आगे बढ़ सकेगी। यह एक आदर्श स्थिति होगी। स्टोलटनबर्ग ने कहा कि नाटो और उसके सदस्य देशों को रूस से बात करने के तरीके निकालने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि रूस के साथ राजनीतिक वार्ता की पहली शर्त यह है कि हम मजबूत हैं और एकजुट हैं। इसके आधार पर हम रूस से बात कर सकते हैं क्योंकि रूस हमारा पड़ोसी है। रूस यहां रहने वाला है। इसलिए हमें रूस के साथ अपने संबंधों के प्रबंधन के तरीके तलाशने हैं। नाटो प्रमुख ने कहा कि अमेरिका और राष्ट्रपति ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि वह रूस के साथ संवाद चाहते हैं लेकिन गठबंधन में एकजुटता और मजबूती के आधार पर।