अब भारत मे चलेगी, स्पेन की टेल्गो ट्रैन

नई दिल्ली, देश के प्रमुख रेलवे मार्गों पर स्पेन की टेल्गो ट्रेन के दौडने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। नए फार्मूले के तहत रेल मंत्रालय टेल्गो ट्रेनों को मुनाफे में हिस्सेदारी के आधार पर लीज पर चलाएगा।
कंपनी और रेल मंत्रालय के बीच फरवरी के अंत में समझौता होने जा रहा है। इसके बाद मार्च तक शताब्दी ट्रेन वाले रेल मार्गों पर टेल्गो के चलने की संभावना है। टेल्गो ट्रेन पिछले साल ही रेलवे के सुरक्षा और समय संबंधी परीक्षणों पर 100 फीसदी खरी उतरी चुकी है। टेल्गो को स्पेन से भारत लाया और मुरादाबाद-बरेली रेल मार्ग पर 80 से 115 और मथुरा-पलवल मार्ग पर 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक दौड़ाया जा चुका है। इसके लिए रेलवे के बुनियादी ढांचे में एक पैसा खर्च नहीं किया गया। सफल परीक्षण के बावजूद रेल मंत्रलय ने इसको पटरी पर उतारने की बजाय अगस्त 2016 में टेल्गो कंपनी को लाल झंडी दिखा दी, लेकिन छह माह बाद रेल मंत्रलय ने यू-टर्न लेते हुए टेल्गो को लीज पर चलाने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि फरवरी के अंत में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और रेल मंत्रलय के बीच समझौता होने जा रहा है। टेल्गो की टिल्टेड तकनीक (कोच के झुकने की तकनीक) विश्व में केवल स्पेन की कंपनी टेल्गो के पास ही है। इसलिए तीव्र मोड़ पर भी ट्रेन अपनी रफ्तार बनाए रखती है और पटरी से उतरने का खतरा नहीं होता। भारतीय रेलवे ट्रैक में बगैर बदलाव के टेल्गो 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकती है। रेलवे बोर्ड ने टेल्गो को तकनीकी खामियों के चलते पटरी पर उतारने से मना कर दिया था। प्रमुख खामी टेल्गो के कोच के प्लोर का काफी नीचे होना थी। इससे प्लेटफार्म और ट्रेन में अंतराल बन जाता है जिससे यात्रियों को खतरा हो सकता है।