नयी दिल्ली, देश में कागज रहित विधानसभाओं के लिए केंद्र की परियोजना के कार्यान्वयन में देरी के मद्देनजर दिल्ली विधानसभा ने इसे शहर की सरकार से वित्तीय मदद के माध्यम से लागू करने का फैसला किया है।
दिल्ली विधानसभा की सामान्य प्रयोजन समिति (जीपीसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी विधानसभाओं के लिए परियोजना, एनईवीए (राष्ट्रीय ई-विधान आवेदन) में ‘‘काफी देरी’’ की गई है और आप सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई धनराशि से विधानसभा को इसे लागू करना चाहिए। विधानसभा के हाल में संपन्न हुए बजट सत्र में जीपीसी रिपोर्ट पेश की गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विधानसभा सचिवालय ने 2019-20 के बजट अनुमानों में 20 करोड़ रुपये की मांग की है। परियोजना को दिल्ली विधानसभा और उसके सदस्यों की जरूरत के हिसाब से संशोधित किया जाएगा। दिल्ली विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने 2019-20 के लिए बजट में आवश्यक राशि आवंटित की है।
इसमें कहा गया है कि इस परियोजना में दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) शामिल होंगे। रिपोर्ट के अनुसार कागज रहित विधानसभा के लिए ‘ई-विधान’ को एनआईसी और केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की मदद से हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया।