अब सवेरे की चाय का साथी नही रहा अखबार, सोशल मीडिया ने बनायी जगह

नई दिल्ली, आम घरों में अभी भी सुबह-सुबह अखबार खरीदा जा रहा है. लेकिन परिवारों में अखबार पढ़ने के वक्त में तेजी से कमी आई है. अब सवेरे की चाय का साथी अखबार नही रहा. अखबार की जगह सोशल मीडिया ले रहा है. द एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

पीएम मोदी मिले मुलायम सिंह से, दोनों के बीच हुई गुफ्तगू

योगी सरकार की हरकत का, अखिलेश यादव ने दिया करारा जवाब, पिता का भी रखा खयाल

एसोचैम के एक सर्वे  में कहा गया है कि इंडियन न्यूज इंडस्ट्री अच्छी हालत में है और करीब 6.2 करोड़ अखबार प्रकाशित हो रहे हैं. आम घरों में अभी भी सुबह-सुबह अखबार खरीदा जा रहा है. लेकिन परिवारों में अखबार पढ़ने के वक्त में तेजी से कमी आई है. लोग फेसबुक पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. खासतौर से युवा पीढ़ी में यह चलन तेजी से उभरा है.

देश के 14वें राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद, संसद भवन में ली शपथ

जानिये, कब से शुरू हो रहा, नेट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अभी इंटरनेट की पहुंच महज 40-45 फीसदी आबादी तक ही है. वहीं, टीवी की पहुंच 90 फीसदी आबादी तक है. लेकिन सरकार डिजिटल इंडिया अभियान चला रही है और भारत सरकार गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने में जुटी है. इससे सोशल मीडिया का और विस्तार होगा और लोगों का खबरों, विचारों आदि तक पहुंचने का जायका बदलेगा.

बीजेपी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की खुली पोल, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

स्पेशल पुलिस अफसर, दयाशंकर यादव की क्रूर हत्या, धड़ और सिर अलग-अलग मिले

एसोचैम ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु में 235 परिवारों पर किए गए सर्वे में कई दिलचस्प तथ्य जुटाए हैं. करीब 80 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि सुबह की चाय के साथ अखबार पढ़ने में भारी बदलाव हुआ है. अब लोग सुबह – सुबह अखबार पढ़ने और टीवी देखने में 3-4 साल पहले की तुलना में कम वक्त बिता रहे हैं. इसकी जगह लोग स्मार्टफोन और सोशल मीडिया को ज्यादा वक्त दे रहे हैं.इंटरनेट के महत्व और पहुंच को देखते हुए ज्यादातर अखबार डिजिटल हो चुके हैं और सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक आर्टिकल और न्यूज प्रसारित कर रहे हैं.

लोकसभा में स्पीकर पर कागज उछालने वाले ये 6 सांसद को किया सस्पेंड

आखिर मुलायम सिंह ने दे ही दिया, रामगोपाल यादव को आशीर्वाद

फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित सोशल प्लेटफॉर्म की वजह से लोगों की पढ़ने और देखने की आदत तेजी से बदल रहे हैं. इनका असर खास तौर से युवा पीढ़ी पर ज्यादा है. भारत मे 6.2 करोड़ अखबार छप रहे हैं और टीवी देखने वालों की संख्या भी 78 करोड़ के आस-पास है. लेकिन बहुत सारा ट्रैफिक खासकर टीवी देखने वाले दर्शकों का स्मार्टफोन, टैब की तरफ जा रहा है. सोशल मीडिया मे, फेसबुक सबसे है और भारत में उसके कुल 20 करोड़ यूजर हैं, जो फेसबुक के कुल यूजर का 10वां हिस्सा है. पूरी दुनिया में फेसबुक के 2 अरब यूजर हैं.

दलित, पिछड़े, महिला जजों की संख्या नगण्य, फिर भी मोदी सरकार को आरक्षण से परहेज

 पीएम मोदी-लालू यादव की जंग का स्तर गिरा, लालू-राबड़ी पर मोदी का एक और वार

 एसोचैम ने कहा है कि मीडिया के इस बदलते दौर मे, मार्केटिंग रणनीतियों को भी बदलना होगा और डिजिटल एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग पर जोर देना होगा. इस माध्यम में आगे बहुत विकास होने वाला है और इसमें विज्ञापनों को सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने की सुविधा है.

Related Articles

Back to top button