नई दिल्ली, जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा है कि कश्मीर घाटी में हालात अब हाथ से निकल गये हैं और सरकार इसे नियंत्रित करने में अक्षम है। शरद यादव विपक्षी दलों के समर्थन से कश्मीर पर एक सम्मेलन के आयोजन के लिये काम कर रहे हैं। यादव भाजपा के यशवंत सिन्हा के अलावा कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। सिन्हा उस गैर-सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जिसने वहां के हालात पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के प्रयासों के तहत वहां का दौरा किया था।
उन्होंने एक बयान में कहा, घाटी में स्थिति बेहद गंभीर हो गयी है और पिछले तीन वर्ष में यह हाथ से निकल चुकी है। अब वहां शांति लाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। राज्य आतंकवाद की गिरफ्त में है, ऐसा पिछले 15 साल में नहीं देखा गया था और सरकार इसे नियंत्रित करने में नाकाम है। उन्होंने देश के कुछ हिस्सों में गोरक्षकों द्वारा हिंसक मामलों और कथित जातिवादी हमलों का हवाला दिया और भाजपा से संबद्ध संगठनों तथा समूहों पर इन अशांत गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया।
वर्ष 2014 के चुनाव में सत्ता में आने से पहले भाजपा ने जनता से जो 42 बड़े वादे किये थे, उन्हें पूरा नहीं करने के लिये राज्य सभा सांसद ने नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी ने सालाना दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन वर्ष 2014-15 में केवल 1.35 लाख नई नौकरियां दी गयीं।
यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कहा था कि कृषि उत्पादन के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक होगा। लेकिन कई किसान आत्महत्या करने के लिये मजबूर हैं क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद एमएसपी से भी कम दर पर बेचने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऐसी पहली सरकार है जिसने स्वास्थ्य एवं शिक्षा दोनों मंत्रालयों का बजट कम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार गरीबों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के लिये नहीं बल्कि अमीरों और कुलीन वर्ग के लिये है।