अब 2002 में हुए गुजरात दंगों को, मुस्लिम विरोधी दंगा, नहीं पढ़ाया जाएगा
May 21, 2017
नई दिल्ली, स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी की किताब पॉलिटिकल साइंस में कुछ बदलाव किये गए हैं। अब 2002 में हुए गुजरात दंगों को मुस्लिम विरोधी नहीं बताया जाएगा बल्कि अब इन दंगों को गुजरात दंगा कहा जाएगा। गुजरात दंगों को स्वतंत्र भारत का सबसे भीषण हिंसा माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार यह फैसला कोर्स रिव्यू कमेटी की बैठक में लिया गया हैं। जिसमें एनसीईआरटी के अलावा सीबीएसई के प्रतिनिधि भी शामिल थे। एनसीईआरटी के किताब में पहली बार 2007 में यूपीए के शासनकाल में इसे गुजरात दंगों का चैप्टर शामिल किया गया था।
खबरों के मुताबिक, इस साल के अंत तक किताबों के रिप्रिंट होने के बाद ये बदलाव दिखाई देने लगेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फरवरी-मार्च में हुए गुजरात दंगों में हजार से अधिक मुसलमान और हिन्दू मारे गए थे। ये दंगे 27 फरवरी को गोधरा में 57 कारसेवकों की मौत के बाद भड़के थे।
एनसीईआरटी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि किताब में बदलाव का मुद्दा सीबीएसई ने उठाया था। साल के अंत में जब दोबारा पुस्तकें छपेंगी तो उसमें यह बदलाव दिखेगा। एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की किताब जिसका शीर्षक है पाॅलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेन्डेन्स इसके पेज नंबर 187 पर एंटी-मुस्लिम राॅयटस् इन गुजरात हेडिंग के साथ बच्चों को जानकारी दी जा रही थी। सूत्रों के अनुसार, अभी केवल टाइटल चेंज करने पर सहमति जताई गई है।