वडोदरा, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को आज यहां प्रतिष्ठित सयाजीरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इस मौके पर उन्होंने अपने दिवंगत माता.पिता को याद किया तथा अपने पिता और मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता अग्निपथ का वाचन भी किया।
उन्हाेंने नयी पीढ़ी से माता पिता का आदर करने की अपील की और कहा कि वह यह सुन कर विचलित हो जाते हैं लोग अपने माता.पिता को घर से निकाल देते हैं अथवा वद्धाश्रम में जीवन बिताने के लिए भेज देते हैं। बच्चन ने कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं वह अपने माता पिता के आशीर्वाद की वजह से ही हैं। उन्होंने अपने माता पिता के कई संस्मरण भी इस मौके पर साझा किये। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके पिता जी के साथए जिन्हें वह प्यार से बाबूजी कहते थेए समय बिताना बहुत अच्छा लगता था। उन्होंने उन्हें कई जीवन मंत्र भी समझाये।
उन्होंने यह भी कहा कि जब उनकी मां ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनके पैतृक शहर इलाहाबाद में भारत छोड़ो आंदोलन की एक रैली में भाग लिया था तो उनके पिता ने कहा था कि अगर उन्हें संतान के तौर पर पहला पुत्र हुआ तो उसका नाम वह इंकलाब रख देंगे। पर बाद में जब उनका जन्म हुआ तो उस समय के मशहूर कवि और पारिवारिक मित्र सुमित्रानंदन पंत के कहने पर उनका नाम अमिताभ रखा गया था। उन्होंने अग्निपथ कविता सुनाते हुए कहा कि इस कविता से उन्हें स्वयं भी उस समय बहुत प्रेरणा मिलती है जब वह कभी निराशा महसूस करते हैं। उनके पिता जी ने उन्हें यह भी कहा था कि जीवन जब तक है तब तक इसके संघर्ष रहेंगे ही। उन्होंने बचपन में बीमारी के कारण स्कूल के नाटक में भाग न ले पाने पर उन्हें यह भी कहा था कि मन का सोचा हो तो अच्छा है पर अगर मन का न हो तो और अच्छा है।
ज्ञातव्य है कि बरोडा मैनेजमेंट एसोसिएशन की ओर से बरोडा राज्य के पूर्व शासक सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय की याद में दिया जाने वाला सयाजीरत्न पुरस्कार इससे पहले इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति को 2013 में और श्री रतन टाटा को 2015 में दिया जा चुका है। श्री बच्चन को इस बार यह पुरस्कार कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके योगदान और सामाजिक सरोकारों के चलते दिया गया।