अमित खरे उपराष्ट्रपति के सचिव नियुक्त

नयी दिल्ली, भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी अमित खरे को उपराष्ट्रपति का सचिव नियुक्त किया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने रविवार को बताया कि मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति ने सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अमित खरे की उपराष्ट्रपति के सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वह 1985 बैच झारखंड कैडर के अधिकारी रहे हैं ।

अमित खरे की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर और केन्द्र सरकार में सचिव के पद के वेतनमान पर पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए होगी। श्री खरे 2021 से प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं और अभी प्रधानमंत्री कार्यालय में सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मामलों को संभाल रहे हैं। लोक सेवा के अपने विशिष्ट कार्यकाल के दौरान, उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकारों में विभिन्न प्रमुख पदों पर भी कार्य किया है।

उन्होंने केन्द्र सरकार में छह वर्षों तक संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा (अगस्त 2008-अगस्त 2014) के रूप में कार्य किया। यहां उन्होंने यूनेस्को, शिक्षा नीति और पुस्तक संवर्धन एवं कॉपीराइट से संबंधित दायित्वों का निर्वहन किया। उन्होंने झारखंड सरकार में मानव संसाधन विकास सचिव और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य किया। झारखंड में विकास आयुक्त और अपर मुख्य सचिव, वित्त-सह-योजना के रूप में, उन्होंने बजट-पूर्व परामर्श, निष्पादन बजट (परफॉरमेंस बजटिंग), लैंगिक बजट (जेंडर बजटिंग), क्षेत्रवार बजट (सेक्टोरल बजटिंग), वित्तीय समावेशन, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) जैसे व्यापक सुधारों को लागू किया और केन्द्रीय एवं राज्य क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन किया।

वह वर्ष 2018 को भारत सरकार में सूचना और प्रसारण सचिव के पद पर नियुक्त हुए और तत्पश्चात स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव तथा उच्च शिक्षा सचिव के रूप में कार्य किया। वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को तैयार करने और उसे लागू करने वाली मुख्य टीम का हिस्सा थे।

अमित खरे दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक हैं और आईआईएम अहमदाबाद से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर हैं। उन्हें बिहार के कुख्यात ‘चारा घोटाले’ का पर्दाफाश करने में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है।

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