लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है कि वह उस रसोइये की तलाश करें जिसने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए तब खाना बनाया था जब वे वाराणसी के जोगियापुर गांव आए थे और वहां उन्होंने दलितों के घर भोजन किया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मायावती को विश्वास है कि रसोइया दलित नहीं था बल्कि कोई उच्च जाति का था। पार्टी के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. रामकुमार कुरील ने ऐसे दिशा -निर्देश जारी होने की पुष्टि करते हुए कहा कि जल्द ही वह इस बात का पता लगा लेंगे कि जोगियापुर गांव का भ्रमण करने के दौरान किसने अमित शाह का खाना तैयार किया था। कुरील ने दावा किया कि अमित शाह के साथ 250 लोग आए थे और केवल 50 लोगों ने ही भोजन किया और बाकि ने नहीं किया जो भगवा ब्रिगेड की जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है।
कुरील ने कहा कि जहां अमित शाह ने लंच किया वहां अधिकतर बिंद समुदाय के लोग रहते हैं जो अति पिछड़ा वर्ग से संबंध रखते हैं और दलित नहीं हैं। उन्होंने कहा, शाह के साथ केवल कुछ दलित थे जिन्होंने उनके साथ खाना खाया जिससे एक राजनैतिक संदेश जा सके। बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह दुखद है कि दलितों के साथ भोजन को एक कार्य की तरह लिया जा रहा है तांकि दलित वोटों का चुनावों में फायदा उठाया जा सके। इससे पहले मायावती ने भाजपा अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था कि दलितों के साथ भोजन करना एक ड्रामा है और चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए यह नौटंकी की जा रही है। मायावती ने कहा था कि जब अमित शाह दलितों के साथ लंच कर रहे थे तभी भाजपा शासित राज्य हरियाणा में बसपा संस्थापक और दलित नेता कांशीराम की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की जा रही थी।