अमेरिका ने शीत युद्ध के दौरान जापान के ओकिनावा में परमाणु हथियार तैनात किए थे. ओकिनावा को जापान को लौटाने से पहले अमेरिका ने 15 मई, 1972 को वहां परमाणु हथियार तैनात किया था.
जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव ने जारी एक बयान में कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन इस तथ्य से इसका महत्व कमजोर हो गया है. इसे गोपनीय सूची से हटाने में देरी कर अमेरिकी सरकार ने लंबा वक्त और संसाधन जाया किया है.’ शोध समूह ने अमेरिकी वायु सेना की द्वीप पर परमाणु हथियार तैनाती वाली उस तस्वीर की ओर भी इशारा किया जो 25 साल से अधिक समय से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थी.यह मामला लंबे समय से एक खुला रहस्य बना हुआ था.
जापान एकमात्र ऐसा देश है जिस पर परमाणु हथियारों से हमला हुआ है. अमेरिका ने 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया था, जिसके कारण 210,000 से अधिक लोग मारे गए थे और जापान को द्वितीय विश्वयुद्ध में समर्पण करना पड़ा था. तब से जापान ऐसे हथियारों के उन्मूलन के लिए अभियान चला रहा है.
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री इसाकू सातो को उनके तीन सिद्धांतों- जापान ना तो कभी परमाणु हथियार से लैस होगा, ना निर्माण करेगा या ना ही अपनी सरजमीं पर परमाणु हथियारों की इजाजत देगा, के लिए नोबल शांति पुरस्कार से नवाजा गया. 1972 तक ओकिनावा अमेरिका के नियंत्रण में रहा और अभी भी द्वीप के कई हिस्सों को अमेरिकी ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.