वाशिंगटन, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ अमेरिका ने अपने तेवर और सख्त कर लिए हैं। इसने लश्कर की छात्र शाखा अल मुहम्मदिया स्टूडेंट्स को आतंकी संगठन घोषित करते हुए इसके दो वरिष्ठ नेताओं मुहम्मद सरवर और शाहिद महमूद पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरवर और महमूद पाकिस्तान में रहते हैं। इन दोनों को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है। लश्कर को अमेरिका 2001 में ही आतंकी संगठन घोषित कर चुका है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि लश्कर कई बार अपने नाम बदल चुका है और प्रतिबंधों को धता बताने के लिए यह नए-नए संगठन बनाता रहा है। इस तरह से अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स भी इसकी छात्र शाखा है। 2009 में गठन के बाद से यह लश्कर के सहयोगी संगठन के तौर पर काम कर रहा है। लश्कर के बड़े नेताओं के साथ मिलकर यह युवाओं की भर्ती करने और अन्य गतिविधियों में शामिल रहा है।
दक्षिण कश्मीर मे लश्कर-ए-तैयबा ने जुनैद अहमद मट्टू को तल्हा के स्थान पर नया डिवीजनल कमांडर बनाया है। जुनैद के जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर पांच लाख का नकद ईनाम है। गौरतलब है कि माजिद उर्फ तल्हा गत सप्ताह अरवनी-बीजबेहाड़ा मे अपने दो साथियो संग सुरक्षाबलो के हाथो मारा गया था। हालांकि पुलिस ने जुनैद मट्टू को लश्कर का नया डिवीजनल कमांडर बनाए जाने पर किसी तरह की प्रतिक्रिया से इन्कार किया है।
संबंधित सूत्रो ने बताया कि जुनैद को लश्कर ने गत सोमवार को कुलगाम-अनंतनाग का डिवीजनल कमांडर बनाया है। कुलगाम जिले के खुडवनी का रहने वाला 20 वर्षीय जुनैद वर्ष 2014 मे लश्कर का हिस्सा बना था। पिछले वर्ष मारे गए लश्कर के दुर्दात कमांडर अबु कासिम ने ही उसे आतंकी बनाया था। इस वर्ष जून मे अनंतनाग मे दो पुलिसकर्मियो की दिनदहाड़े हत्या और बीजबेहाड़ा मे सुरक्षाबलो के काफिले पर हुए हमले मे भी जुनैद शामिल था।