मुंबई , अमेरिकी अर्थव्यवस्था और कोरोना की चिंता में दुनिया भर के शेयर बाजारों के साथ घरेलू शेयर बाजारों में भी गिरावट रही और बीएसई का सेंसेक्स तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट रहे।
सेंसेक्स 708.68 अंक यानी 2.07 प्रतिशत लुढ़ककर 33,538.37 अंक पर और निफ्टी 214.15 अंक अर्थात् 2.12 फीसदी की गिरावट के साथ 9,902 अंक पर आ गया जो दोनों का 01 जून के बाद का निचला स्तर है। तीन सप्ताह से अधिक समय बाद बाजार में इतनी बड़ी गिरावट देखी गयी है।
बैंकिंग तथा वित्तीय कंपनियों के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस और इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियों में बिकवाली से बाजार पर शुरू से ही दबाव रहा। दिन चढ़ने के साथ गिरावट बढ़ती गई।
मझौली और छोटी कंपनियों में गिरावट कम रही। बीएसई का मिडकैप 1.41 प्रतिशत टूटकर 12,480.58 अंक पर और स्मॉलकैप 1.04 फीसदी लुढ़ककर 11,830.42 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को कहा कि इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 6.5 प्रतिशत की मंदी की आशंका है और बेरोजगारी दर 9.3 प्रतिशत रहेगी। इससे दुनिया भर के शेयर बाजारों में बिकवाली शुरू हो गई। एशिया में आज जापान का निक्की 2.82 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 2.27 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.86 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.78 प्रतिशत की गिरावट में रहा। यूरोप में शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 2.04 प्रतिशत और ब्रिटेन का एफटीएसई 1.90 फीसदी लुढ़क गया।
सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक के शेयर साढ़े पाँच प्रतिशत उतर गये। सनफार्मा में भी पाँच फीसदी की गिरावट रही। मारुति सुजुकी और बजाज फाइनेंस के शेयर चार प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक और टेक महिंद्रा के शेयर तीन फीसदी से अधिक लुढ़के। इंडसइंड बैंक में साढ़े चार प्रतिशत की तेजी रही।