नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि अमेरिकी कंपनी द्वारा रिश्वत लेने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। लोकसभा में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अमेरिकी कंसलटेंसी कंपनी सीडीएम स्मिथ द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से जुड़ी परियोजनाओं के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जायेगी।
गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि सीडीएम स्मिथ ने एक अमेरिकी अदालत के समक्ष स्वीकार किया है कि उसने वर्ष 2011 से 2015 की अवधि के बीच अपने तथा अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी सीडीएम इंडिया के कर्मचारियों और एजेंटों के माध्यम से एनएचएआई के भारतीय अधिकारियों को 11.80 लाख अमेरिकी डॉलर रिश्वत के रूप में दी थी। कंपनी को कुल 37 ठेकों का आवंटन किया गया था तथा रिश्वत की राशि ठेकों की राशि के दो से चार प्रतिशत के बीच है।
गडकरी ने कहा कि अभी सिर्फ यह पता चला है कि अमेरिकी कंपनी ने रिश्वत दी थी। यह खबर प्रकाश में आते ही एनएचएआई को जांच के निर्देश दिये गये। रिश्वत किन अधिकारियों को दी गयी इसकी जानकारी जुटाने के लिए प्राधिकरण ने अमेरिकी अदालत और अमेरिकी सरकार से भी संपर्क किया है। जब अमेरिकी सरकार से यह जानकारी मिल जायेगी कि रिश्वत किसे दी गयी थी उसके बाद ही कार्रवाई की जा सकेगी।
गडकरी ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी स्वयं संज्ञान लेते हुये मामले की जांच तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी के सिर्फ दो ठेकों से जुड़ी परियोजना पर काम चल रहा है जिसमें एक में उसका ठेका बुधवार को रद्द कर दिया गया है, जबकि दूसरे ठेके की अवधि मार्च 2018 तक है और आगे की जांच के बाद उस संबंध में भी कार्रवाई की जा सकती है।