महाकुंभनगर, दुनिया के सबसे बड़े सनातन समागम महाकुंभ में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने का जूना अखाड़े ने न्योता दिया है।
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बुधवार को बताया कि अमेरिका में जीत के बाद पहली बार डोनाल्ड ट्रंप पहली बार भारत में प्रयागराज के महाकुंभ में शिरकत कर सकते हैं। जूना अखाड़े की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को महाकुंभ के लिए औपचारिक तौर पर आमंत्रित किए जाने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है। उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया में अखाड़ा के महात्मा रामपुरी महराज ने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी और निमंत्रण पत्र देकर प्रयागराज के कुंभ में शामिल होकर आध्यात्मिक वैभव एवं भारतीय संस्कृति का साक्षात अनुभव करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि इस निमंत्रण का उद्देश्य भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करना एवं वैश्विक शांति, सहयोग और सांस्कृतिक एकता का संदेश देना है। डोनाल्ड ट्रंप जैसे वैश्विक नेताओं की उपस्थिति से महाकुंभ का गौरव तो बढ़ेगा ही साथ यह भारतीय आध्यात्मिकता और सनातन परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान दिलाएगा।
श्रीमहंत नारायण गिरी ने कहा कि महाकुंभ मेले का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। यह मेला महज एक धार्मिक आयोजन ही नहीं है बल्कि यह तो ऐसी आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें मानव अस्तित्व के सार से रूबरू कराती है और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करती है। वसुधैव कुटुम्बकम् की परिकल्पना महाकुंभ में उस समय धरातल पर उतर आती है, जब सभी हिंदू जाति के लोग भेदभाव को मिटाकर आपसी प्रेम, सौहार्द व सद्भाव के संगम में डुबकी लगाते हैं और समस्त हिंदू समाज एक सूत्र में बंध जाता है।
महाकुंभ मेला यह भारतीय आध्यात्मिकता और सनातन परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान दिलाएगा। प्रयागराज का महाकुंभ उस त्रिवेणी संगम पर हो रहा है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। इसे अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है और यहां स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है।
उन्होंने बताया कि संगम में स्नान करने से आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में लाखों लोग अपने पापों का प्रायश्चित कर आत्मा को शुद्ध करने का सुनहरा अवसर हैं। महाकुंभ में स्नान करने से आत्मिक बल मिलता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। महाकुंभ धर्म की जड़ों को गहरा करता है और समाज में नैतिकता और आदर्शों का प्रचार करता है। महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों, मठों और सम्प्रदायों के संतों का संगम होता है तो हिंदू धर्म की विविधता में एकता के दर्शन भी हो जाते हैं।