अयोध्या, भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान रामलला के दरबार में लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
कुम्भ मेला शुरू होने के साथ ही अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी बढ़ गयी है कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला का दर्शन श्रद्धालुओं के कराने के लिये कई बार समय का परिवर्तन करना पड़ रहा है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का स्नान अभी बाकी है। इसके लिये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन की देखरेख में रामलला का दर्शन सुलभ कराने के लिये तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
पुलिस प्रशासन की तरफ से बताया गया कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिये अयोध्या के चारों तरफ बैरीकेडिंग लगा करके पुलिस की तैनाती कर दी गयी है और चार पहिया और दो पहिया वाहनों को अयोध्या में प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु कुम्भ मेला से अयोध्या आ रहे हैं जिससे अयोध्या-फैजाबाद अर्थात् जुड़वा शहर में आम जनजीवन से जुड़ी व्यवस्थायें बेपटरी हो गयी हैं। दो दिनों से प्रतिदिन लाखों से अधिक रामभक्त केवल राम मंदिर दर्शन के लिये पहुंच रहे हैं।
भीड़ अधिक होने के कारण दिन-प्रतिदिन सुरक्षा व्यवस्थाओं को सख्त करना पड़ रहा है। रामपथ के कई जगहों पर नई बंदिशें शुरू कर दी गयी हैं। यात्रियों को भी कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलायें थक कर पस्त हो रहे हैं। ई-रिक्शा और बाइक चालक कुछ मीटर तक ले जाने की एवज में इन श्रद्धालुओं से मोटी रकम भी वसूल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भीड़ अधिक होने से निकास मार्ग के गेट नंबर 11 से श्रीराम अस्पताल और रेलवे स्टेशन मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में छोटे व्यापारियों का मार्ग के डिवाइडर व फुटपाथ पर कब्जा हो गया है।
सरकारी श्रीराम अस्पताल गेट पर पुलिस का बैरियर लग गया है। अभी तक इस स्थल तक पहुंचना मुश्किल था। अब मरीजों को अंदर जाने तक के लिये जद्दोजहद करना पड़ रहा है। परिसर तक एम्बुलेंस तभी जा सकता है जब बैरियर को हटाया जायेगा।
रामनगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस भीड़ से श्रद्धालु हैरान हो ही रहे हैं उनके साथ अयोध्यावासी और पुलिस भी हैरान-परेशान है। पुलिस अफसरों को भीड़ से निपटने का एक ही विकल्प सूझ रहा है कि इन श्रद्धालुओं को घुमावदार स्थल से लाया जा रहा है और यह लोग पैदल ही उस स्थल से चल सकते हैं। करीब पांच किमी से अधिक लम्बी दूरी तय करने के बाद ही वह रामलला का दर्शन पाने के लिये आतुर हैं। इधर इस भीड़ के कारण कोई अप्रिय स्थिति न पैदा होने पाये इसलिये पुलिस प्रशासन ने पैदल श्रद्धालुओं के रूट डायवर्जन का दायरा बढ़ा दिया है।
हाल यह है कि बाईपास से पैदल आ रहे श्रद्धालुओं को फटिक शिला आश्रम की ओर मोड़ दिया जा रहा है। यहां से चौधरी चरण सिंह व संत तुलसीदास घाट होकर श्रद्धालु लता चौक पहुंच रहे हैं और फिर उन्हें दर्शन के लिये दाहिनी तरफ की लाइन जो कि लता चौक से ही शुरू होती है उन्हें वहां भेज दिया जा रहा है। इसी तरह से टेढ़ी बाजार से पैदल दोराही कुंआ की ओर भेजे जा रहे श्रद्धालुओं को जैन मंदिर के आगे बैरीकेडिंग लगाकर राजघाट की ओर मोड़ दिया जा रहा है। यहां से श्रद्धालु संकट मोचन घाट और फिर आधे अशर्फी भवन और आधे गोला बाजार की ओर भेज दिये जा रहे हैं। अशर्फी भवन चौराहे से रामपथ की ओर जाने वाली भीड़ को गजेन्द्र से मधुसूदन विद्या इंटर कालेज होते हुए नयाघाट भेजा जा रहा है।
पुलिस अफसरों का कहना है कि भीड़ की लगातार मानीटरिंग की जा रही है और भीड़ का दबाव कम होने पर बैरियर हटाकर यातायात सामान्य बनाने की कोशिश हो रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामनगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। इसको नियंत्रित करने के लिये रामनगरी में नये रास्तों का निर्माण किया जा रहा है। 22 करोड़ की लागत से भ्रमण पथ का निर्माण किया जा रहा है। यह पथ सरयू घाट से सीधे राम मंदिर को जोड़ेगा। श्रीराम मंदिर को सरयू नदी से सीधे जोडऩे के लिये प्रदेश सरकार अब भ्रमण पथ बनवा रही है जो सत्तर फीसदी काम पूरा हो चुका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पथ के बनने से रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिये पहुंच सकेंगे। यह पथ सरयू नदी के घाटों से होते हुए राजघाट तक, भगवान श्रीराम के मंदिर तक बनाया जा रहा है।
भ्रमण पथ से निर्माण के चलते श्रद्धालुओं को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। इस पथ में दीवारों पर भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से उकेरा जा रहा है। पर्यटन विभाग की योजना है इससे भीड़ का दबाव भी कम हो जायेगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आर.पी. यादव का कहना है कि भ्रमण पथ का निर्माण मार्च के अंत तक पूरा करने की योजना है।
अयोध्या के मण्डलायुक्त गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी चन्द्रविजय सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर ने कुम्भ से आये श्रद्धालुओं को श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन कराने के लिये सुगम और सहज तरीके से रास्ता ढूंढ करके श्रद्धालुओं को वहां तक पहुंचाया जा रहा है। पूरे अयोध्या नगरी में बड़े और छोटे वाहनों पर एकदम रोक लगा दी गयी है। सभी श्रद्धालु पैदल चल करके रामलला के दरबार में पहुंच रहे हैं और दर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पूरे अयोध्या क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गये हैं। मजिस्टे्रटों की तैनाती की गयी है। किसी भी श्रद्धालु को दिक्कत न हो इसके लिये बैरीकेडिंग किया गया है। खोया पाया कैम्प लगाया गया है। जगह-जगह चिकित्सा उपचार के लिये भी डॉक्टरों की तैनाती की गयी है। उन्होंने बताया कि यह भीड़ तब तक जारी रहेगा जब तक कुम्भ का स्नान समाप्त नहीं हो जाता।