अयोध्या में रविवार शाम को रामजन्म भूमि स्थल से थोड़ी ही दूर पर शिला पूजन हुआ। एक तरफ बड़ी सी शिला और उसके सामने राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास। मंत्रोच्चार के साथ शिला पूजन हुआ. नृत्य गोपालदास समेत अयोध्या के तमाम संतों का ये कहना है कि 1989 में जब पिछली बार शिला पूजन हुआ था। तो विवादित ढांचा रास्ते से हट गया था। अब दूसरी बार शिला पूजन हो रहा है तो राम मंदिर के निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा।अब शिला पूजन की दोबारा हुई कोशिश देखने के बाद बाबरी केस के सबसे पुराने याचिकाकर्ताहै। कारसेवक पुरम में शिलाएं पहुंचने की खबर ने प्रशासन में भी हड़कंप मचा दिया है। अफसरों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
रविवार को अयोध्या में अचानक हुए शिला पूजन के बाद कई सवाल उठ खड़े हुये है . इसी साल जून में विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि राम मंदिर के लिए पत्थर लाने का काम फिर शुरू किया जाएगा। अब 6 महीने बाद अचानक रामसेवक पुरम में राम मंदिर निर्माण के लिए नए पत्थरों को लाने का काम भी शुरू हो गया है। रविवार को ऐसी बड़ी-बड़ी शिलाओं को क्रेन के सहारे सहेजा गया। साधु-संतों के मुताबिक 2007 से अयोध्या में पत्थर आना बंद हो गया था। इतने सालों बाद अब दो ट्रक पत्थर भरकर अयोध्या लाए गए हैं।विश्व हिंदू परिषद के मुताबिक राम मंदिर बनाने के लिए कुल 2.25 लाख क्यूबिक फुट पत्थर की जरूरत है और इसमें से सवा लाख क्यूबिक फुट पत्थर यहां अयोध्या में तैयार पड़ा है। बाकी का पत्थर देशभर से यहां लाकर साल भर में तैयार किया जाएगा।
नृत्य गोपालदास राम मंदिर आंदोलन के कुछ एक बड़े चेहरों में से एक हैं। शिला पूजन के दौरान उनके चेहरे का भाव बहुत कुछ कह रहा है।