नयी दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के विरुद्ध नया मोर्चा खोलते हुए सोमवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टीए इतिहास से पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव की स्मृति को मिटाने का प्रयास कर रही है। जेटली ने 1990 के दशक के पूर्वार्द्ध की राजनीतिक आर्थिक स्थिति पर लिखे एक ब्लॉग में कहा कि प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव ने आर्थिक संकट का सामना किया था। आर्थिक स्थिति के कारण ही सुधार लाने पड़े। कांग्रेस में बहुत से लोगों में सुधारों का समर्थन की इच्छाशक्ति नहीं है।
जेटली से लिखा कि 1991 से 1993 के दो वर्षों के बाद कांग्रेस पार्टी सुधारों को लेकर क्षमायाचना की मुद्रा में आ गयी थी। संभवतरू इसीलिये कांग्रेस पार्टी के इतिहास से पी वी नरसिंह राव की स्मृति को मिटाने के प्रयास आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ;संप्रगद्ध की दोनों सरकारों ने संसाधनों में वृद्धि किये बिना ही अधिकार दिये और उनके क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार हुआ और पूरा कार्यकाल उसे ढकने में बरबाद हो गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार जिस समय चुनी गयी उस समय भारत को विश्व की पांच सर्वाधिक जोखिम वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता था और दुनिया कहने लगी थी कि भारत ब्रिक्स से बाहर हो जाएगा। मोदी सरकार के पास सुधारों को मज़बूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष सुधार या समाप्ति की बड़ी चुनौती थी। इसलिए सरकार ने सुनियोजित ढंग से कई सुधारों को लागू किया और पांच साल लगातार काम किया। भारत के अार्थिक इतिहास में इसे सुधारों के दूसरे चरण के रूप में दर्ज किया जाएगा।
जेटली ने कहा कि पांच साल में अर्थव्यवस्था दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ी। राजस्व में वृद्धि हुई और समृद्धि एवं खजाने पर पहला अधिकार गरीबों को मिलेए यह सुनिश्चित हुआ। भविष्य में भी इसी दिशा में प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने आर्थिक फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर ;जीएसटीद्ध ने देश में एक कर प्रणाली शुरू की और इंस्पेक्टर राज एवं बाधाओं को दूर कर दिया। आयकर एवं जीएसटी दोनों के रिटर्न एवं एसेसमेंट ऑनलाइन फाइल हो रहे हैं। इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं है।