मुंबई , अर्थव्यवस्था में तरलता की कमी को देखते हुये रिजर्व बैंक ने दिसंबर में मुक्त बाजार प्रक्रिया ओएमओ के जरिये 150 अरब रुपये की अतिरिक्त तरलता झोंकने का फैसला किया है।
केंद्रीय बैंक ने आज बताया कि दिसंबर के शेष दिनों में दो और ओएमओ ऑक्शन के जरिये वह 150 अरब रुपये की तरलता अर्थव्यवस्था में समाहित करेगा। इससे वर्ष के अंतिम महीने में उसके द्वारा उपलब्ध करायी गयी कुल अतिरिक्त तरलता 500 अरब रुपये हो जायेगी।
उसने बताया कि जनवरी 2019 में भी सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के जरिये सौ.सौ अरब रुपये की पाँच किस्तों में अर्थव्यवस्था को 500 अरब रुपये की तरलता की खुराक दी जायेगी।
इसके बाद मार्च 2019 तक वह अर्थव्यवस्था में तरलता की स्थिति की निगरानी करते हुई इसी राशि की प्रतिभूति खरीद के लिए तैयार है। फरवरी और मार्च में कितनी अतिरिक्त तरलता उपलब्ध करायी जानी है इसका फैसला प्रचलन में जारी मुद्रा की स्थिति को देखते हुये किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त तरलता उपलब्ध कराने पर सरकार और आरबीआई के बीच पिछले दिनों मतभेद पैदा हो गया था। इसके बाद तत्कालीन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुये अचानक इस्तीफा दे दिया था। नये गर्वनर शक्तिकांता दास के नेतृत्व में अब ज्यादा तरलता उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है।