नई दिल्ली, इंग्लैंड के खिलाफ हाल में संपन्न घरेलू टेस्ट श्रृंखला में बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग से प्रभावित करने वाले पार्थिव पटेल ने अपनी सफलता का श्रेय ट्रेनिंग सत्र के दौरान दोनों प्रारूपों पर अलग अलग ध्यान केंद्रित करने को दिया। पार्थिव ने इंग्लैंड पर भारत की 4-0 की जीत के दौरान दो अर्धशतक जड़ने के अलावा 13 शिकार भी किए। पार्थिव ने कहा, मुझे लगता है कि जो चीज मेरे लिए शानदार रही वह बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग के अलग अलग सत्र हैं। पिछले कुछ समय से जब मैं अपने ट्रेनिंग सत्र का कार्यक्रम तैयार कर रहा था तो मैंने तय किया कि मैं एक सत्र में बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग का अभ्यास नहीं करूंगा।
अगर मैं सुबह बल्लेबाजी करता हूं तो शाम को विकेटकीपिंग करता हूं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 15 साल में 166 मैच खेलने वाले पार्थिव को पता है कि विकेटकीपर के रूप में उनके लिए क्या सही है। उन्होंने कहा, कभी कभी जब मैं विकेटकीपिंग अभ्यास के लिए जाता हूं तो मैं मैदानकर्मियों से पूरी तरह से स्पिन की अनुकूल पिच तैयार करने को कहता हूं और कभी कभी उन्हें पिच पर बिलकुल भी काम नहीं करने को कहता है। इससे आपको उस पिच पर तैयारी करने में मदद मिलती है जिसके बर्ताव के बारे में आपको नहीं पता होता। पार्थिव ने कहा कि भारत के पूर्व विकेटकीपर और चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष किरण मोरे हमेशा उन्हें उनकी विकेटकीपिंग पर प्रतिक्रिया देते हैं।
पार्थिव ने कहा, हां, मैंने किरण मोरे के साथ कई बार बात की है और उन्होंने मेरी विकेटकीपिंग को लेकर मुझे काफी उपयोगी प्रतिक्रिया दी है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10000 रन पूरे करने से सिर्फ 344 रन दूर पार्थिव ने कहा कि अनुभव के साथ स्ट्रैंथ ट्रेनिंग ने उनकी सफलता में योगदान दिया। विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम ने फिटनेस का स्तर काफी ऊंचा रखा है और पार्थिव को खुशी है कि वह तीन टेस्ट के दौरान फिटनेस का अच्छा स्तर बरकरार रखने में सफल रहे। नये साल में पार्थिव गुजरात की युवा टीम की अगुआई झारखंड के खिलाफ रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में करेंगे और कप्तान ने इसे बड़ा मौका करार दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह गुजरात टीम के लिए अच्छा सत्र रहा। लड़कों ने पूरे सत्र के दौरान जज्बा बनाए रखा और सेमीफाइनल में पहुंचने का पूरा श्रेय उन्हें जाता है।