नई दिल्ली, अलीगढ़ का एक बूचड़खाना कथित तौर पर ठोस अपशिष्ट फेंकने और नालियों में गैर परिशोधित तरल छोड़ने को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण की निगरानी में आ गया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बूचड़खाना फ्रीजेरिओ कन्जर्वा अल्लाना प्राइवेट लिमिटेड, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया है और 19 जुलाई से पहले उनका जवाब मांगा है।
अधिकरण ने मांस आपूर्ति इकाई के परिसरों का निरीक्षण करने के लिए एक स्थानीय आयुक्त को नियुक्त करने से इनकार कर दिया। पर्यावरण कार्यकर्ता शैलेश सिंह ने अलीगढ़ के कोअल तहसील के तालसपुर खुर्द में स्थित बूचड़खाने के खिलाफ याचिका दायर की थी जिस पर यह आदेश आया है।
याचिका में कहा गया है, प्रतिवादी कंपनी 1989 में शुरू हुई और इसका बूचड़खाना 20 साल से ज्यादा वक्त से चल रहा है। यह सड़क किनारे अंधाधुध तरीके से ठोस अपशिष्ट फेंक रहा है और आसपास की नालियों में रक्त और पशुओं के हिस्से वाला गैर परिशोधित तरल छोड़ रहा है। याचिकाकर्ता ने अपशिष्ट फेंकने की वजह से आसपास के इलाके की हालत को दिखाने के लिए पीठ के सामने तस्वीरें और वीडियो भी रखे।