लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कहा कि तकनीकी शिक्षा हासिल कर रहे छात्र छात्रायें मौजूदा कोरोना काल में उपलब्ध अवसरों को लाभ उठाकर देश और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।
हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि शैक्षिक यात्रा के अनुभव और ज्ञान भविष्य में सफलता के लिए प्रेरणा बनेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने कर्म क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने को प्रेरित किया।
राज्यपाल ने कहा कि हुनर से रोजगार तक का आसान मार्ग तकनीकी सेक्टर से ही होकर गुजरता है। शिक्षा का मतलब सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाना है, पढ़ाई को कैरियर और रोजगार से जुड़ा होना चाहिए, इसके लिए विद्यार्थियों में कौशल विकास और व्यक्तित्व विकास का काम भी करना चाहिए।
राष्ट्रपति द्वारा विद्यार्थियों से भारत को ‘नाॅलेज सुपर पाॅवर’ बनाने के आह्वान का स्मरण कराते हुए उन्होने इस लक्ष्य की प्राप्ति करने की दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवा जब ‘आइडिया’, ‘इनोवेशन’ और ‘कैन डू स्पिरिट’ के साथ काम करते हैं तो अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त होते हैं।
आनंदीबेन ने कहा कि नया भारत अवसरों की धरती है। यहाँ कोरोना संकट काल में भी विद्यार्थियों ने स्टार्ट-अप खोले। इस समय उपलब्ध अवसरों को लाभ उठाकर वे देश और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।
दीक्षांत समारोह में बीटेक की 440, एम.सी.ए. की 55 तथा एम.टेक. की 66 उपाधियां प्रदान की गई। प्रदान किए गए कुल 46 पदकों में से 20 पदक छात्राओं ने हासिल किए। राज्यपाल ने समारोह में 15 स्वर्ण, 15 रजत, 15 कांस्य पदक विद्यार्थियों को प्रदान किए। उन्होंने समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन सामग्री तथा फल वितरण भी किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समशेर ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और शिक्षण, शोध एवं नवाचारों की जानकारी दी। समारोह के मुख्य अतिथि तथा गेल के पूर्व सी.एम.डी. डाॅ आशुतोष कर्नाटक ने भी विद्यार्थियों के लिए प्रेरक उद्बोधन दिया।