नई दिल्ली, ताज महल के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण के बारे में सूचना नहीं देना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दो अधिकारियों के लिए महंगा साबित हुआ जिन पर मुख्य सूचना आयोग ने 25,000 रपये का अधिकतम जुर्माना लगाया है। आयोग इस बात से नाराज था कि ताज महल के आसपास 500 मीटर के संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण के बारे में जानकारी देने के उसके स्पष्ट निर्देश के बावजूद एक आरटीआई आवेदक को रिकार्ड मुहैया नहीं कराये गये।
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एक अलग आरटीआई अर्जी के जवाब में एएसआई ने कहा था कि ताज महल के पास 533 अवैध ढांचे हैं। आरटीआई आवेदक भीम सिंह सागर ने एएसआई से ताज महल के पूर्वी से दक्षिणी द्वार तक 500 मीटर के दायरे में घरों, सड़कों, आवासीय कॉलोनियों आदि की विशेष जानकारी मांगी थी। एएसआई ने कहा कि उसके पास इस तरह का ब्योरा नहीं है।
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जब मामला सीआईसी पहुंचा तो सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा कि सूचना नहीं देना एएसआई और आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा भ्रष्टाचार करने के समान है। आयोग ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में आरटीआई आवेदनों को देखने वाले केंद्रीय जन सूचना अधिकारियों- के ए काबुई और एम सी शर्मा पर आरटीआई कानून के तहत अधिकतम 25,000 रपये का जुर्माना लगाया।
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