कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले के पडरौना शहर के जटहां रोड पर संचालित जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण एक परिवार का बच्चा बदल जाने की घटना के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल को सील करा दिया है।
मामला कोतवाली थानाक्षेत्र का है जहां कल देर रात एक परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए जबरदस्त हंगामा किया। पीड़ित पक्ष का आरोप था कि रुपये लेकर उसे बेटे की जगह बेटी दे दी गई है। उसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया। कोतवाली पुलिस लोगों को समझाने और मनाने के लिए जूझती रही। एसडीएम सदर और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसीएमओए डिप्टी सीएमओ रात में पहुंचे और जांच.पड़ताल के बाद अस्पताल को सील कर दिया। अस्पताल के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रही।
बताया जा रहा है कि रामकोला थाना के विजयीपुर तिराहा निवासी दीपू की पत्नी अंजली को 29 सितंबर को सीएचसी पर सामान्य प्रसव से बेटा पैदा हुआ। बच्चे की धड़कन कम होने के कारण डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के दौरान आराम नहीं मिलने पर एक दलाल के चक्कर में पड़कर परिजन पडरौना के जटहां रोड स्थित एक निजी अस्पताल में एक अक्तूबर को बच्चे को भर्ती कराए। इलाज से बच्चे की तबीयत में सुधार हुआ।
अस्पताल से गुरूवार को दो महिलाओं की छुट्टी दी गयी और इसी बीच अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण दो महिलाओ के नवजात बच्चे भी बदल दिए गए। अंजली को बेटे की जगह बेटी दे दी। जब अंजली को गोद में अपना बेटा नहीं लगा तो उसने शोर-शराबा शुरू कर दिया। परिजन भी पहुंच गए और वे लोग अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। यह भी आरोप लगा रहे थे कि रुपये लेकर बच्चे को बदल दिया गया है। जैसे ही यह बात फैली, अस्पताल के अंदर और बाहर भीड़ लग गई। स्वास्थ्यकर्मियों के बीच भी तीखी बहस और विवाद की स्थिति आ गई।
पडरौना के कोतवाल राजप्रकाश सिंह पुलिसफोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाते रहे। लेकिन परिजन कुछ सुनने और मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस से भी परिजनों की तीखी नोकझोंक हुई। बाद में रजिस्टर और सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तो पता चला कि अंजली के साथ ही पडरौना क्षेत्र के भरवलिया की एक महिला की नवजात बेटी को भी अस्पताल से छुट्टी दी गई है। उस महिला की खोजबीन हुई और उसे अस्पताल पर बुलाया गया, तब उसने आकर बताया कि उसे बेटी की जगह बेटा मिल गया था। अंजली को उसका बेटा मिलने के बाद लोग शांत हुए। तब तक रात के दस बज चुके थे।
इसी बीच एसडीएम सदर महात्मा सिंह, एसीएमओ डॉ आरके गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डॉ आरडी कुशवाहा सहित अन्य अधिकारी भी पहुंचे थे। जांच पड़ताल के दौरान प्रथम दृष्टया बच्चा बदले जाने के मामले में अस्पताल को सील कर दिया।
कोतवाल राजप्रकाश सिंह ने बताया कि पडरौना क्षेत्र के भरवलिया गांव की एक महिला नवजात को लेकर चली गई थी। उसकी बेटी हंगामा कर रहे परिवार की महिला को स्वास्थ्यकर्मियों ने दे दी थी। महिला को बच्चा वापस कर दिया गया है।
एसीएमओ डॉ आरके गुप्ता ने बताया कि पडरौना के जीवनदीप चाइल्ड हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर में नवजात के बदले जाने की सूचना पर विभागीय अधिकारियों के साथ पहुंचे थे। जांच पड़ताल में बात सामने आई कि नवजात बदला गया था। एक स्वास्थ्यकर्मी ने यह गलती की थी। अस्पताल को सील कर दिया गया है।
अस्पताल में नवजात को बदलने का आरोप लगाकर परिजनों ने करीब तीन घंटा तक हंगामा किया। वे अस्पताल के लोगों पर नवजात को रुपये लेकर बदलने का आरोप लगा रहे थे। काफी मान.मनौवल के बाद भी वे नहीं माने। बाद में जब बच्चा लाकर दिया गया तो कुछ शांत हुए, लेकिन इस गलती के लिए कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। बाद में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया। पुलिस विभाग की तरफ से वहां एक सब इंस्पेटर और चार कांस्टेबल तैनात कर दिए गए।