वाराणसी, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी का बिगुल फूंकते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर करारे प्रहार किये और सूबे की जनता का आह्वान किया कि वह अहंकार से भर चुकी भाजपा को आगामी चुनाव में बिहार की ही तरह सबक सिखाए।
नीतीश ने मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र के पिण्डारा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि जनता से बड़े-बड़े वादे करके मुकरने वाली भाजपा अहंकार से भर गयी है लेकिन राजनीति में अहंकार सबको खत्म कर देता है। लोकसभा चुनाव में जनता को बरगला कर बिहार की 40 में से 31 सीटें हासिल करने वाली भाजपा को विधानसभा चुनाव में जनता ने जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन के हाथों धूल चटा दी। अब उत्तर प्रदेश की बारी है।
प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी का बिगुल फूंकते हुए उन्होंने कहा बिहार के लोगों ने महागठबंधन को विशाल बहुमत देकर जता दिया कि अब जनता का भाजपा पर से भरोसा उठ गया। बिहार के लोगों ने तो बता दिया। अब उप्र के लोगों को बताना होगा कि उनकी (भाजपा की) कथनी और करनी में कितना अंतर है। नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के लोगों से मुखातिब होते हुए कहा बनारस के लोग क्या उम्मीद कर रहे थे। पूरे यूपी के लोगों को, जिन्होंने 73 सीटों पर उनको (भाजपा एवं सहयोगी) समर्थन दिया, उन्हें अब पता लग रहा होगा.. पूरे देश के लोगों को पता लगता होगा।
जदयू प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखे वार करते हुए कहा जो लोग (भाजपा) आज देशभक्ति की बात कर रहे हैं, आजादी की लड़ाई में उनके पुरखों (संघ) की कोई भूमिका नहीं है। जब लोग बापू के नेतृत्व में आजादी के लिये लड़ रहे थे, तब वे (संघ के लोग) कहीं नहीं थे, आज वे सबको देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं। नीतीश ने कहा कि संघ का तिरंगा लहराने की वकालत करना दरअसल आम हिन्दुस्तानियों की वैचारिक जीत है। उन्होंने कहा आप (संघ) तिरंगा लहराने लगे, यह खुशी की बात है, क्योंकि आप तिरंगे के नहीं बल्कि भगवा के हिमायती थे। यह हमारी वैचारिक जीत है। जब हमने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया तो यह भाजपा और उनके पुरखे कहां थे.. ये कहीं नहीं थे।
जदयू नेता ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के नेताओं पर ना जाने कितने आक्षेप लगाये गये और कितने प्रहार किये गये। भाजपा के लोग और उनके समर्थक बिहार में महागठबंधन का मजाक उड़ाते थे। जिस दिन बिहार चुनाव का नतीजा आ रहा था उस दिन सुबह खबर आने लगी कि भाजपा जीत रही है। आधे घंटे के लिये देश में ऐसा माहौल बनने लगा कि भाजपा की जीत हो रही है। उसके बाद उन्हें सच्चाई का पता चल गया। नीतीश ने कहा कि भाजपा दो साल बीतने के बाद भी कालाधन लाकर हर हिन्दुस्तानी के बैंक खाते में 15-20 लाख रुपये तो दूर, एक पाई भी नहीं डाल सकी। डालेगी भी कैसे, आखिर उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कह दिया है कि वह वादा तो महज चुनावी जुमला था।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों से कहा था कि सरकार बनने पर वह उपज की लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देंगे। केन्द्र की भाजपा सरकार अब तक चार बार समर्थन मूल्य की घोषणा कर चुकी है, लेकिन वह उस वादे को भूल गयी। युवाओं को रोजगार देने की बात कही गयी थी। लोगों ने बहुत उम्मीद से वोट दिया था। वह उम्मीद अब मिट चुकी है।