नई दिल्ली, सरकार आईआईटी की तर्ज पर देश के सभी अखिल भारतीय आयुर्वग्यिान संस्थानों के लिए एक आम संचालन परिषद गठित करने पर विचार कर रही है ताकि सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाए तथा इन चिकित्सा संस्थानों के नियमों में एकरूपता आए। इससे पहले सभी नये एम्स के प्रशासन ढांचे की समीक्षा के लिए गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने मानव संसाधन, भर्ती, उपकरण खरीद दिशानिर्देश एवं सभी संस्थानों के प्रशासन के लिहाज से आम नीतियां तैयार करने के लिए एक व्यापक संगठन के निर्माण की सिफारिश की।
इस समय नई दिल्ली स्थित एम्स के अलावा देश में छह एम्स काम कर रहे हैं जो भुवनेर, रायपुर, भोपाल, जोधपुर, पटना और रिषिकेश में हैं। इसके साथ सरकार ने हाल में 14 और एम्स स्थापित करने की घोषणा की है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, नियमों के तहत हर एम्स में संस्थानिक परिषद की कम से कम एक या दो और संचालन परिषद की दो बैठकों का आयोजन जरूरी है तथा हर एम्स का अध्यक्ष होने के नाते स्वास्थ्य मंत्री को एक साल में करीब 63 बैठकों में हिस्सा लेना होगा जोकि व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, एक अकेले आम संचालन परिषद के गठन से स्वास्थ्य मंत्री को इन चिकित्सा संस्थानों के रोजाना के मामलों से छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि वह परिषद के प्रमुख हो सकते हैं और नीतियों से जुड़े प्रमुख फैसले ले सकते हैं। जैवप्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव एम के भान की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने सभी नये एम्स में सर्वश्रेष्ठ फैकल्टी सुनिश्चित करने के लिए वहां राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के लोगों को तैनात करने, अनुबंध पर सेवानिवृा डॉक्टरों की सेवा लेने तथा अच्छे वेतनमान पर अप्रवासी भारतीय डॉक्टरों की भी सेवा लेने का सुझााव दिया। संचालन परिषद के गठन के लिए समिति ने मौजूदा एम्स अधिनियम, नियम एवं विनियमों में संशोधन के लिए मसौदा लाने का भी सुझााव दिया।