नई दिल्ली, अजय यादव को यूपी में मिली पोस्टिंग की खबर पर उठे सवाल का जवाब देते हुये वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता और सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि इस पोस्टिंग में कुछ भी गलत नहीं है। रामगोपाल यादव ने कहा, ‘क्या ये इस तरह की पोस्टिंग का पहला मामला है? आप डीओपीटी से पता कीजिए कि इससे पहले कितनी पोस्टिंग इस तरह दी गई हैं। आपको कुछ पता नहीं है। डीओपीटी प्रधानमंत्री से ऊपर नहीं है। प्रधानमंत्री कुछ भी कर सकते हैं और वह नियमों में छूट देकर इस तरह पोस्टिंग दे सकते हैं।’
यूपी में बाराबंकी के डीएम अजय यादव 2010 बैच के आईएएस हैं, उनका मूल काडर तमिलनाडु है। अजय यादव ने नवंबर, 2014 में यूपी में नियुक्ति मांगी। इसके लिए उन्होंने अपने बच्चे की बीमारी को मुख्य वजह बताया। साथ ही पिता के निधन के बाद अपनी मां की देखरेख की मजबूरी भी बताई। 28 अक्टूबर २०१५ को केंद्र सरकार ने अजय यादव को तीन साल के लिए यूपी में नियुक्ति दी। नियमों के मुताबिक कमेटी की मंजूरी मिलने से पहले अर्जी कार्मिक मंत्रालय के पास जाती है। अजय यादव की अर्जी को कार्मिक मंत्रालय ने तीन बार खारिज किया था। इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने अजय यादव की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दे दी।
अजय यादव ने अपने मूल काडर तमिलनाडु में 9 साल की नौकरी पूरी नहीं की थी, जो डेप्युटेशन के लिए जरूरी शर्त है। इसके अलावा कार्मिक मंत्रालय ने यूपी में पोस्टिंग के लिए दी गई उनकी वजहों को भी सामान्य बताया था और कहा था कि नियमों के तहत उनको डेप्युटेशन नहीं दिया जा सकता। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक चिट्ठी लिखी गई, जिसमें कहा गया कि स्वयं सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री से इस पोस्टिंग के लिए सिफारिश की है। अपने आदेश में कमेटी ने अजय यादव की प्रतिनियुक्ति को एक ‘स्पेशल केस’ बताते हुए अनुमति दी। अजय यादव सपा नेता शिवपाल सिंह यादव के दामाद हैं।