रायपुर, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने नौकरशाहों पर टिप्पणी करते हुए उन्हे पिंजरे में बंद पक्षी कहा है। भारती ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खाद्य और आजीविका सुरक्षा के लिए जल और भूमि प्रबंधन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रथम एशियन सम्मेलन का शुभारंभ किया।
इस दौरान उन्होंने नौकरशाहों के कामकाज के तरीकों पर टिप्पणी की। उन्होंने रायपुर में भूमि जल बोर्ड के कार्यालय को लेकर कहा, बहुत दिनों से जमीन पड़ी थी और पैसा लैप्स हो रहा था। अब चक्कर क्या होता है ब्यूरोक्रेटस के साथ..वह बेचारे पिंजरे में बंद चिड़िया होते हैं। और उससे बाहर नहीं निकलते। अच्छा उनको बाहर निकालो तो ऐसे आएंगे धीरे धीरे। उनसे कोई चीज कैंसिल करवाई जा सकती है, लेकिन पहल नहीं करवाई जा सकती। क्योंकि रद्द करवाना बहुत आसान होता है, पाबंदी आसान होती है किन्तु सृजन बहुत कठिन होता है।
उमा ने कहा, इसके लिए 56 इंच का सीना चाहिए। ग्राउंड वाटर बोर्ड का आफिस यहां खुलना था। वह नहीं खुल पा रहा था। कार्यक्रम के बाद जब संवाददाताओं ने उनसे इस संबंध में सवाल किया तब उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई चीज कैंसिल करवानी हो तो बहुत आसान होता है। लेकिन कोई चीज शुरू करना हो तो बहुत कठिन होता है। क्योंकि वह नियमों के पिंजरे में होता है। नियम हम बनाए होते हैं। हम ही कहते हैं कि इस नियम के दायें बाएं हो। इसमें दिक्कत आती है।