नई दिल्ली, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने सुदूरवर्ती सीमांत क्षेत्रों में तैनात अपने जवानों और उनकी पत्नियों को एक अनोखी पुस्तक वितरित की है, जिसमें लिखा है कि अपने पति को दोबारा शादी नहीं करने दें और उनके रेजीमेंट संख्या और रैंक आदि की पूरी जानकारी रखें।
चीन-भारत सीमा पर तैनात रहने वाले बल ने अपने जवानों की पत्नियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी देने के लिए पहली बार इस तरह की पहल की है। यह पुस्तक अर्द्धसैनिक बलों की एक और बुकलेट के साथ वितरित की गई है जिसे जवानों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य तथा निजी साफ-सफाई के मुददों के बारे में जानकारी देने के लिए तैयार किया गया है। इन दो पुस्तकों की 85 हजार से अधिक प्रतियां प्रकाशित की गई हैं और जवानों को भेज दी गयी हैं।
आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है। उन्होंने पीटीआई से कहा कि बल के सभी केंद्रों पर सख्त निर्देश जारी किये गए हैं ताकि सैनिक जब छुटिटयों में अपने घर जाते हैं तो इन पुस्तकों को अपने परिवारों को दें। डीजी ने कहा, हमने विशेषज्ञों और बल के डॉक्टरों से बातचीत करके पुस्तिका तैयार की है। इसका उददेश्य सैनिकों और उनके परिवारों को स्वस्थ तथा खुश रखना है चूंकि वे दुर्गम इलाकों में तैनात रहते हैं जहां दुनिया से संवाद कट जाता है। जवानों की पत्नियों के लिए दी गई किताब में उन्हें बताया गया है कि उन्हें अपने पतियों की रेजीमेंट संख्या (बल आईडी), रैंक, वर्तमान वेतन, बटालियन या इकाई का स्थान और यहां तक कि उन्हें मिलने वाली सरकारी छुटिटयों की भी जानकारी होनी चाहिए।
इसमें कहा गया है, आप सुनिश्चित कीजिए कि आपका नाम उनकी सेवा पुस्तिका में हो, आपका नाम सेवा रिकॉर्ड में और सभी बैंक खातों और जीवन बीमा पॉलिसियों में आपके पहले परिजन के तौर पर लिखा हो। आईटीबीपी प्रवक्ता उप कमांडेंट विवेक के पांडेय ने इस पहल के उददेश्य बताए। उन्होंने कहा, बल का डयूटी चार्टर ऐसा होता है कि जवान लंबे समय तक घरों से दूर होते हैं और छुटिटयों में ही अपने घर जाते हैं। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पत्नियां घर चलाती हैं। पांडेय के अनुसार, पता चला कि कई जवान और उनके परिवार अपने अधिकारों को लेकर अनभिज्ञ होते हैं और उन्हें जागरक रखने के लिए पुस्तिका तैयार की गयी है। बल के अधिकारियों और जवानों की पत्नियों के संगठन ने पुस्तिका तैयार की है जिसमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि पत्नियों को जानकारी हो और किसी अप्रिय घटना की स्थिति में कोई उन्हें गुमराह नहीं कर सके। इसमें कानूनी अधिकारों की भी बात कही गयी है और लिखा है, अपने पति को दोबारा शादी का अधिकार नहीं दें, जबकि वह आपके साथ विवाहित जीवन बिता रहा हो। अगर बल का कोई जवान अपनी पहली पत्नी के जीवित रहते हुए उसकी बिना लिखित सहमति के दूसरी शादी करता है तो आईटीबीपी के नियमों के अनुसार उसे सेवा से बखार्स्त किया जा सकता है।