नयी दिल्ली , आईसीआईसीआई बैंक निदेशक मंडल की सालाना वित्तीय परिणाम की मंजूरी देने के लिये कल बैठक होगी। इसमें बैंक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर के खिलाफ हितों के टकराव के मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
आईसीआईसीआई बैंक के ऊपर कुछ कंपनियों को अनुचित तरीके से कर्ज देने तथा उसके बदले लाभ लेने के आरोप लगे हैं।
आरोप है कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत परिवार के सदस्यों को आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज मिलने के बदले वित्तीय लाभ प्राप्त हुये। इस मुद्दे की सीबीआई , आयकर विभाग समेत कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। आईसीआईसीआई बैंक तथा उसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी के बीच हितों के टकराव के मुद्दे पर सेबी के पूर्व प्रमुख एम दामोदरन का कहना है कि उनके पास जांच पूरी होने तक तीन से चार महीने के लिये पद से हटना एक विकल्प है।
सूत्रों के अनुसार हालांकि निदेशक मंडल की बैठक का एजेंडा वित्तीय परिणाम तक सीमित है पर सदस्य कंपनी संचालन के मुद्दे को उठा सकते हैं। यह सब चेयरमैन एमके शर्मा पर निर्भर करता है कि वे सदस्यों को दूसरे मुद्दों को उठाने का मौका देते हैं या नहीं। बोर्ड में सात स्वतंत्र निदेशक हैं जिसमें चेयरमैन और सरकार द्वारा नामित निदेशक शामिल हैं।
निवेशक और गड़बड़ी को उजागर करने वाले अरविंद गुप्ता ने मार्च महीने में बैंक में कंपनी संचालन के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने 3,250 करोड़ रुपये के कर्ज मामले में वीडियोकान समूह तथा आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ के साथ उनके परिवार के सदस्यों के बीच परस्पर लेन – देन वाले कारोबार का आरोप लगाया। यह आरोप है कि वीडियोकान समूह ने कर्ज के बदले नूपावर रिन्यूबल्स में निवेश किया। यह कंपनी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की है।