दुबई, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने उन स्टेडियमों को दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित किए जाने की चेतावनी दी, जिन्हें किसी अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान खराब पिच और मैदान के लिए 10 डिमेरिट अंक दिए जाते हैं। आईसीसी ने तीन दिन से चल रही बोर्ड की बैठक में पिचों और मैदान की निरीक्षण प्रक्रिया में बदलाव पर सहमति जताई है। आईसीसी ने अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने वाले स्टेडियमों को अपने पिचों और मैदान की स्थिति के लिए अधिक जवावदेह होने की बात कही।
आईसीसी का कहना है कि यदि कोई स्टेडियम किसी अंतर्राष्ट्रीय मैच के लिए ऐसी स्थिति बनाता है, जो मैच के लिए असुरक्षित है, स्थिति में सुधार नहीं करता या अंतर्राष्ट्रीय मैचों में लगातार खराब पिचें और मैदान मुहैया कराता है तो उसके इसका परिणाम भुगतना होगा। आईसीसी द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है, डीमेरिट अंक प्रणाली लाए जाने पर सहमति बनी है, जो नई आचार संहिता जैसा ही है।
डीमेरिट अंक प्रणाली अगले पांच वर्षो तक बनी रहेगी। वक्तव्य में आगे कहा गया है, अगर कोई स्टेडियम पांच डीमेरिट अंक तक पहुंच जाता है तो आईसीसी से उसकी मान्यता 12 महीने के लिए निलंबित कर दी जाएगी। और यदि कोई स्टेडियम 10 डीमेरिट अंक तक पहुंच जाता है तो उसकी मान्यता 24 महीने के लिए निलंबित कर दी जाएगी। आईसीसी ने यह भी प्रस्ताव रखा कि टेस्ट खेलने वाले सभी नौ देश आपस में दो वर्ष के चक्रीय क्रम में खेलेंगे और तीन निचले क्रम की टीमों के साथ खेलेंगी।
आईसीसी के अनुसार, सदस्यता पात्रता पूरी करने पर जिम्बाब्वे, आयरलैंड और अफगानिस्तान को टेस्ट की पूर्ण सदस्यता दी जा सकती है। इसके अलावा विश्व कप-2023 के लिए तीन वर्षो की अवधि के लिए 13 टीमों वाली अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय लीग खेले जाने का प्रस्ताव भी रखा गया। इसके अलावा आईसीसी वल्र्ड टी-20 में प्रवेश पाने के लिए क्षेत्रीय टी-20 लीग टूर्नामेंटों को मिलाकर एक प्रणाली तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा गया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डीआरएस प्रणाली को भी जारी रखने पर भी सहमति बनी। आईसीसी क्रिकेट समिति मई, 2017 में इन प्रस्तावों को लागू करने पर विचार करेगी और जून, 2017 में इसे मंजूरी दी जाएगी, हालांकि इन प्रस्तावों को पूरी तरह अक्टूबर, 2017 तक ही लागू किया जा सकेगा।