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आखिर उमा भारती को क्यों कहना पड़ा कि उन्होंने जो भी किया ‘सब खुल्लम खुल्ला किया’

नई दिल्ली, बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी। साजिश तो तब होती जब मन में कुछ और होता और वहां कुछ और होता। उन्होंने कहा कि मैं राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़ी रही हूँ। राम मंदिर का भव्य निर्माण हो उसके लिए मुझे जो भी करना पड़े वह मैं करूंगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन की वजह से ही आज भाजपा यहां तक पहुंची है।

अपने सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे अयोध्या, गंगा और तिरंगे के लिए मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं, भले फांसी हो जाये। उन्होंने कहा कि अब हमारे वकील इस मामले में अदालत में केस लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट को भगवान की तरह मानती हूँ और अगर कोर्ट ने कहा होता कि दो घंटे के अंदर जेल जाना है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होती और मैं राम मंदिर के लिए जेल चली जाती। कांग्रेस की ओर से अपने इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि जब मैंने तिरंगा मामले में मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी लेकिन तब मामला साबित हो गया था। अभी तो इस मामले में आपराधिक साजिश पर मुकदमा चलेगा।

उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस की किसी मांग का जवाब नहीं देती लेकिन उन्हें यह सोचना चाहिए कि जब दिल्ली में दस हजार सिखों का कत्लेआम हुआ था तब कांग्रेस में से किसने इस्तीफा दिया था। उमा ने कहा कि मैं आज ही अयोध्या जा रही हूँ और वहां रामलला और हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के दर्शन कर उन्हें इस बात के लिए धन्यवाद दूंगी कि मुझे इस आंदोलन से जुड़ने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि मंत्री पद मेरे लिए बहुत छोटी चीज है मैं तो राम मंदिर के लिए इंद्र का सिंहासन भी छोड़ सकती हूँ।

उन्होंने कहा, इस मामले में मेरी अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई बात नहीं हुई है। ना ही इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी जी से कोई बात हुई है। आज मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह फैसला आया इसलिए इस बारे में बात नहीं हो पायी। उन्होंने कहा कि मैंने यह प्रेस कांफ्रेंस इसलिए बुलाई है कि यह ऐलान कर सकूं कि अब राम मंदिर बनने का आ गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बन कर रहेगा और कोई माई का लाल इसे नहीं रोक सकता।