आखिर क्यों आरएसएस, बीजेपी पदाधिकारियों और सीएम योगी को बैठना पड़ा साथ ?

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के पदाधिकारियों से मुलाकात की। यह पहला मौका था, जब आरएसएस का कोई वरिष्ठ पदाधिकारी सीएम आवास पर बैठक करने आया हो। क्योंकि इससे पहले बीजेपी की सरकार मे सीएम स्वयं निर्धारित स्थान पर आरएसएस पदाधिकारियों से मिलने जाते थे।

माना जा रहा है कि बैठक में प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, अनियंत्रित कार्यकर्ताओं की कार्यशैली एेसे प्रमुख कारण रहे कि आरएसएस, बीजेपी पदाधिकारियों और सीएम योगी को साथ बैठना पड़ा । सूत्रों के अनुसार, पुलिस पर कार्यकर्ताओं का हमला, भगवा गमछाधारियों को लेकर बिगड़ रही योगी सरकार की छवि को सुधारना सरकार के लिये मुश्किल  हो गया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बैठक में सहारनपुर, फतेहपुर सीकरी, बस्ती तथा मथुरा में संघ कार्यकर्ताओं तथा भाजपा पदाधिकारियों एवं नेताओं पर हाल में हुए हमलों का मुद्दा उठा।

विभिन्न आयोगों एवं निगमों में संघ तथा भाजपा के पदाधिकारियों को अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने तथा बुंदेलखण्ड विकास बोर्ड एवं पूर्वांचल विकास बोर्ड के गठन पर भी बात हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में राज्य के आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर प्रदेश भाजपा इकाई में बदलाव के मुद्दे पर भी चर्चा की गयी। इस बैठक का उद्देश्य सरकार, भाजपा और संघ के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना था। प्रदेश में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के बाद यह ऐसी पहली बैठक थी, जिसमें विभिन्न मुद्दों को लेकर बातचीत हुई।

बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ओम माथुर, रामलाल, उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य तथा दिनेश शर्मा के अलावा संघ के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, डॉक्टर कृष्णगोपाल तथा क्षेत्र प्रचारक आलोक एवं शिव नारायण ने भी शिरकत की।

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