लखनऊ, यूपी सरकार आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस- वे के लोगों को कई सुविधायें देने जा रही है। इसीलिये आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस- वे देश का पहला हाईटेक एक्सप्रेस- वे होने का तमगा भी हासिल कर सकेगा। तीन सौ किलोमीटर लंबे सफर के दौरान, एक्सप्रेस- वे पर आपातस्थिति में कंट्रोल सेंटर से संपर्क करने के लिए प्रत्येक दो किलोमीटर पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे। रास्ते में कोई भी अनहोनी होने पर यात्री इसके जरिए कंट्रोल सेंटर को फोन करके तुरंत मदद मंगा सकेंगे।पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल हाईवे होने की वजह से गाड़ी खराब होने अथवा दुर्घटना होने की सूरत में यात्रियों को घबराने की जरूरत नहीं होगी। आंधी, बारिश, तूफान और कोहरे से भी अब घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रदेश सरकार आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस- वे पर हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने जा रही है जो यात्रियों को आगे के रास्ते पर पल- पल बदलते मौसम की पूरी जानकारी देगा। पूरे एक्सप्रेस- वे पर आप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) का जाल बिछाने के अलावा निर्बाध मोबाइल नेटवर्क के लिए एमआरसीएस लगाए जाएंगे। एक्सप्रेस- वे के टॉल प्लाजा पर कंट्रोल सेंटर स्थापित होगा। यह सेंटर करीब तीन सौ किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस- वे में छह जगहों पर लगने वाले मीटिरियालोजिकल स्टेशन से जुड़ा रहेगा। ये स्टेशन तापमान, मौसम, हवा की गति व दबाव आदि कंट्रोल को भेजेंगे जिसे रास्ते में लगे वैरियेबिल मैसेज साइन बोर्ड के जरिए प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा यह स्टेशन सड़क का तापमान भी बताएगा जिससे गति नियंत्रित कर वाहनों के टायर फटने से बचा जा सकेगा।
ग्रामीण या दूरस्थ इलाकों में अक्सर मोबाइल नेटवर्क बाधित होने जैसी समस्या को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस- वे पर मोबाइल रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम स्थापित किए जाएंगे जो हर जगह मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।