प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के रामपुर में नगर निगम से चोरी हुयी सफाई मशीनें जौहर विश्वविद्यालय के परिसर से बरामद होने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति सैयद वाइज मियां की पीठ ने शुुक्रवार को आजम और अब्दुल्ला को बड़ी राहत देते हुए नगर पालिका की मशीनें हड़पने के आरोप में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार एवं अन्य प्रतिवादियों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से इस मामले की पुलिस जांच में सहयोग करने को भी कहा है।
गौरतलब है कि रामपुर स्थित जौहर विश्वविद्यालय में नगर पालिका की सफाई मशीनें नगर पालिका अध्यक्ष की मिलीभगत से इस्तेमाल करने एवं हड़पने का आजम एवं अन्य पर आरोप लगाया गया है। हाल ही में इन मशीनों के विश्वविद्यालय परिसर से बरामद होने के बाद यह मामला उजागर हुआ।
याचिका में आजम के वकील ने दलील दी कि एफआईआर में दर्शाये गये आरोपों के आधार पर आईपीसी की धारा 409 के तहत यह मामला दर्ज ही नहीं हो सकता है। याचिका में कहा गया है कि यह घटना 2017 की है और उस समय याचिकाकर्ता राज्य का मंत्री नहीं था। वह केवल विश्वविद्यालय का कुलाधिपति था। इतना ही नहीं, इस मामले में एफआईआर भी नगर पालिका के किसी अधिकारी ने नहीं, बल्कि भाजपा नेता बाकर खान ने दर्ज कराई है। इसे राजनीतिक विद्वेष से दर्ज कराई गई एफआईआर बताते हुए याचिकाकर्ता ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने की अदालत से मांग की।
अदालत ने इसे विचारणीय मुद्दा मानते हुए मामले की अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता आजम और अब्दुल्ला की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। जौहर विश्वविद्यालय में खुदाई के दौरान सरकारी मशीन मिलने के मामले में आजम खां समेत 07 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।