नयी दिल्ली, आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में आजादी का अमृत महोत्सव पर गठित राष्ट्रीय समिति की बुधवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें इस समारोह को मनाए जाने के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
श्री मोदी ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा, “आजादी का अमृत महोत्सव पर गठित राष्ट्रीय समिति की बैठक में कल हिस्सा लिया। देश की विकास यात्रा के इस महत्वपूर्ण पड़ाव को मनाने के बारे में सार्थक चर्चा की और हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।”
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय समिति की बुधवार रात दूसरी बैठक हुई जिसमें लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपालों , केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों , राजनीतिक नेताओं , अधिकारियों , मीडिया कर्मियों , आध्यात्मिक नेताओं , कलाकारों, फिल्मी हस्तियों और जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े प्रमुख लोगों ने हिस्सा लिया।
श्री मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव ऐसे समय पर मनाया जा रहा है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के संकट का सामना कर रही है और हम भी इससे अछूते नहीं हैं। इस संकट ने हमें नए सबक सिखाए हैं और इसके कारण मौजूदा व्यवस्था में बदलाव से कोविड बाद के युग में नई विश्व व्यवस्था उभर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत को इस नई व्यवस्था में विश्व नेता के रूप में उभरते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि अक्सर यह कहा जाता है की तीसरी सदी एशिया की सदी है ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम एशिया में भारत की मजबूत स्थिति बनाने की दिशा में काम करें । उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सही समय है कि हम वर्ष 2047 के लिए अपने लक्ष्य तय करें जब देश आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा। उन्होंने कहा कि उस समय देश की बागडोर मौजूदा पीढ़ी संभाल रही होगी और राष्ट्र का भाग्य भी उसके हाथ में होगा। इसलिए यह निर्णय लेना जरूरी है कि हम उन्हें क्या बताएं जिससे कि वे भविष्य में देश के निर्माण में बड़ा योगदान दे सकें।
बैठक में संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने आजादी का अमृत महोत्सव से संबंधित गतिविधियों के बारे में एक प्रस्तुति दी।
समिति की पहली बैठक गत 8 मार्च को हुई थी जिसके बाद प्रधानमंत्री ने 12 मार्च को आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की थी।