नई दिल्ली, विश्व सिकल सेल दिवस 19 जून को मनाया जाता है। इस बार भी स्वास्थ्य मंत्रालाय ने सिकल सेल से सबंधित समस्याओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। इन जागरूकता कार्यक्रमों में सभी मानकों को पूरा करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालाय ने देश के सभी भागों पर कार्यक्रम चलाए हैं। सिकल सेल रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और आम लोगों के बीच इसके इलाज बढ़ाने के लिए 2008 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व सिकल सेल डे की स्थापना की गई थी।
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यह 19 जून को पहली बार में मनाया गया था। सिकल सेल रोग दुनिया भर में एक आम और सबसे महत्वपूर्ण आनुवांशिक बीमारी बन गई है जिसका इलाज जागरूकता अभियान के माध्यम से और प्रबंधन के माध्यम से किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनिया भर के स्तर पर इस हेमोग्लोबिन रोग के मुद्दे को हल करने के लिए प्रचार गतिविधियों की विविधता भी शुरू की गई है।
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दुनिया भर में सिकल सेल डे को हर साल दुनिया भर में इस अनुवांशिक स्वास्थ्य की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तेजी से जागरुकता अभियान के माध्यम से सभी योग्य मानदंडों को कवर किया जाएगा। शोध के अनुसार यदि विवाह के दौरान युवक और युवती दोनों सिकल सेल से प्रभावित हुए तो इनसे जन्म लेने वाली संतान भी इसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होगी।
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यदि दोनों में से किसी एक व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है तो भी अगली पीढ़ी में यह बीमारी संवाहक के रूप में आ जाएगी। इस बीमारी में मानव शरीर की कोशिकाओं का लचीलापन घटने लगता है और कई जानलेवा समस्याओं का खतना उत्पन्न होता है। यह बीमारी ज्यादातर उन क्षेत्रों में देखी जाती है, जहां मलेरिया का प्रकोप होता है।
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