नई दिल्ली, दुनिया के 50 देशों के कम से कम 150 जासूस आज से राजधानी दिल्ली में तीन दिनों तक मंथन करेंगे। ये जासूस सुरक्षा चुनौतियों और परिदृश्य-, भ्रष्टाचार निरोधक एवं साइबर खतरों से संबंधित विषयों पर आयोजित संगोष्ठी मे प्रतिभाग करेंगे।
भारतीय सेना के पूर्व आयुध महानिदेशक तथा संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के पूर्व कमांडल ले0 जनरल ;सेवानिवृत्त राजेंद्र सिंह इस संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे। राजेंद्र सिंह कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाली सिक्यूरिटी सेक्टर स्कील डेवलपमेंट काउंसिल के भी प्रमुख हैं।
डब्ल्यूएडी के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने बताया कि ये जासूस और जांचकर्ता सुरक्षा चुनौतियों के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करके इससे निपटने के उपाय तलाशेंगे।
वर्ल्ड एसोसिएशन आॅफ डिटेक्टिव्स के बैनर तले आयोजित हो रहे 92वें सालाना संगोष्ठी की उपयोगिता इसलिए अधिक है, क्योंकि इसमें भारत से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों, जैसे-काला धन, नकली मुद्रा का चलन, भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां और साइबर सुरक्षा के लिए खतरा. पर इसमें चर्चा की जायेगी।
वर्ल्ड एसोसिएशन आॅफ डिटेक्टिव्स, अपनी तरह का सबसे बड़ा संस्थान है जिसमें 80 देशों के सुरक्षा पेशेवर, निजी जांचकर्ता और निजी जासूस जुड़े हुए हैं. यह संस्था अपने वर्कप्लेस में हाई एथिक्स की वकालत करने के साथ ही उसका पालन भी करती है. इसके साथ ही यह पेशेवरों के बीच वैश्विक साझेदारी का मंच भी देती है.