लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय बजट 2021-22 को गरीब,मजदूर, किसान,युवा और महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला सर्वसमावेशी बजट करार देते हुये कहा कि कोविड काल के बीच यह बजट प्रदेश में नई आशा, नई ऊर्जा और विकास की नवीन संभावनाओं को उड़ान देने का माध्यम बनेगा।
श्री योगी ने विधान भवन के तिलक हाल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बजट ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की उत्कृष्ट भावनाओं से परिपूर्ण है जो प्रदेश की 24 करोड़ जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। बजट में हर घर को नल, हर घर में बिजली, हर खेत को पानी और हर हाथ को काम देने के संकल्प निहित है।
उन्होने कहा कि यह बजट हर गांव में ग्राम सचिवालय, कॉमन सर्विस सेंटर, बीसी सखी के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना, सामुदायिक शौचालयों में महिलाओं को रोजगार, जैसे प्रयास न केवल महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन को नवीन आयाम मिलेगा बल्कि हर गांव को डिजिटल बनाने की दिशा में अहम भूमिका भी निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश का पहला पेपरलेस बजट पेश कर नया इतिहास रचने के लिए वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। कोरोना काल में राजस्व संग्रह में आई समस्याओं के कारण वित्तीय अनुशासन की महत्ता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बजट प्रावधानों को समग्र और समावेशी विकास तथा विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन के प्रयासों को तेज करने वाला ‘ईज ऑफ लिविंग’ तथा ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की संकल्पना को जमीन पर उतारने वाला करार दिया।
उन्होने कहा कि बजट में महिला सशक्तीकरण की दिशा में नयी योजना ‘महिला सामर्थ्य योजना’ शुरू की जा रही है जिसके लिये 200 करोड़ रुपया की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा कुपोषित बच्चों को सुपोषण देने के लिए मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना अमल में लायी जा रही है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत पात्रता श्रेणी के बच्चों को टैबलेट भी उपलब्ध कराने का इस बजट में प्रावधान किया गया है।