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आदिवासियों,पिछड़ों,दलितो को आगे बढ़ाने से कुछ लोगो को हो रही हैं दिक्कत- सीएम सोरेन

रायपुर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेन्त सोरेन ने भाजपा का नाम लिए बगैर उस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यूपीए शासित राज्यों में आदिवासियों, पिछड़ों,दलितों एवं समाज के वंचित वर्गों को आगे बढ़ाने से कुछ लोगो को दिक्कत हो रही है,और वह इसमें अड़चने पैदा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री हेमेन्त सोरेन ने आज देर शाम यहां राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन वर्गों को आगे बढ़ाने की कोशिशों से कुछ लोग घबरा रहे है,और उनकी यह घबराहट समाचार पत्रो,टीवी चैनलों में साफ सुनाई पड़ती रहती हैं।उन्होने कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी छत्तीसगढ़.झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल,ओडिशा में इन वर्गों के बीच तमाम समास्याएं विद्यमान हैं।

उन्होने कहा कि अगर भारत को हम विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं तो यह कतई संभव नही हैं कि एक वर्ग पूरे देश का मार्गदर्शन कर सकता हैं।उन्होने कहा कि इसके लिए अनेको समूह,रंग भाषा,बोलचाल,धर्म और मजहब के लोगो की एकजुटता और उनके सामूहिक प्रयास से ही यह संभव है और यहीं हमारे देश की ताकत हैं।इसका दुनिया लोहा मानती रही हैं।

मुख्यमंत्री हेमेन्त सोरेन ने कहा कि आज के दिन हमें इन कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश देने की जरूरत हैं कि जब तक सभी वर्गों का विकास नही होता तब तक देश के सर्वागीण विकास की बात करना बेमानी है।उन्होने कहा कि गुब्बारे उड़ाने से हम विकसित राष्ट्र नही बन सकते।हमें हकीकत में जो चीजे हैं उसे स्वीकारने से गुरेज नही होना चाहिए।

उन्होने छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि उनके अपने राज्य में जहां लगभग 28 प्रतिशत आदिवासी आबादी है,वहां आदिवासी दिवस तक पर भी कार्यक्रम नही होते थे,यहां की सीख लेकर उन्होने आदिवासी दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया।उन्होने कहा कि वह छत्तीसगढ़ का मार्गदर्शन लेकर कोशिश करेंगे कि आगामी कार्यक्रमों में यहां जैसी भव्यता दिखे,और राज्य के लोग गौरवान्वित महसूस करें।

मुख्यमंत्री हेमेन्त सोरेन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आदिवासी,पिछडे दलितों को आगे बढ़ाने के प्रयासों की भूरि भूरि सराहना की।उन्होने छत्तीसगढ़ और झारखंड के आत्मीय सम्बन्धों और कई समानताएं होने का भी उल्लेख किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कठिन परिस्थितियों के बीच समापन समारोह में पहुंचने पर श्री सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद स्वास्थ्य एवं शिक्षा के साथ ही संस्कृति को मजबूत बनाने पर सबसे ज्यादा फोकस किया हैं।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में 42 जनजातियां निवास करती हैं,उन सभी को एक मंच देने का कार्य उनकी सरकार ने दिया।

उन्होने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि इस मंच से देश दुनिया में छत्तीसगढ़ की संस्कृति पहुंच रही है तो दुनिया को छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जानने का मौका मिल रहा हैं।उन्होने कहा कि आदिम संस्कृति का यह संदेश हैं कि प्रकृति से ज्यादा छेड़छाड़ से मानव सभ्यता के सामने संकट उत्पन्न हो सकता हैं।

श्री बघेल ने कहा कि आधुनिकता की अंधी दौड़ एवं दुनिया में तोड़ने की हो रही कोशिशों और नफरती माहौल के बीच आदिम संस्कृति जोड़ने का काम करती हैं।उन्होने बताया कि इस महोत्सव के तीसरे आयोजन में देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित राज्यों और नौ देशों के 1500 कलाकारों ने हिस्सा लिया।उन्होने इस मौके पर राज्योत्सव की प्रदर्शनी को रविवार तक बढ़ाने की भी घोषणा की।
इससे पूर्व नृत्य महोत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले देश विदेश के दलों को श्री सोरेन और श्री बघेल ने पुरस्कृत किया और उन्हे सम्मान राशि प्रदान की।